यह कारनामा अमरीका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के दो छात्रों माधव लवकरे और टॉम प्रित्स्की ने किया है। इन छात्रों ने ट्रांसक्राइबल ग्लास को विकसित और डिजाइन किया। उन्होंने बताया कि किसी भी चश्मे में ट्रांसक्राइबल ग्लास का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह बेहद हल्का है। पूरे दिन इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। विशेषकर सुनने में परेशानी महसूस करने वाले लोगों के लिए यह तकनीक खासी लाभदायक है।
स्पीच-टू-टेक्स्ट रिकग्निशन तकनीक का उपयोग डिजाइन किए गजट को किसी भी चश्मे से जोड़ा जा सकता है। यह गजट चश्मे को एक डिसप्ले के साथ कॉम्पैक्ट स्मार्ट ग्लास मेंं बदल देता है। इस डिसप्ले को बायीं या दायीं आंख के सामने लगाया जा सकता है। यह गैजेट स्पीच-टू-टेक्स्ट रिकग्निशन तकनीक का उपयोग कर वास्तविक समय पर किसी भी बातचीत को भाषा में बदल देता है।
फॉन्ट साइज और भाषा चुन सकेंगे गैजेट की खास बात यह होगी कि उपयोगकर्ता फॉन्ट साइज (अक्षरों का आकार) और भाषा इच्छा के अनुरूप बदल सकेंगे। इसके साथ भी ट्रांसक्रिप्शन को इक_ा करने के लिए ऐप का उपयोग भी कर सकते हैं। गैजेट अलग-अलग भाषाई क्षेत्रों में काम करने और फिल्मों का आनंद लेने वाले लोगों के लिए फायदेमंद होगा।