अमरीका नहीं झेलना चाहता चीन की नाराजगी!
दरअसल विश्लेषकों ने कहा कि इजरायल पर ईरान के हमले (Iran Attack on Israel) से तेल की कीमतें बढ़ने और शीर्ष खरीदार चीन के नाराज होने की चिंताओं की वजह से ही अमरीका ईरान के तेल निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता। ना ही ऐसी कोेई संभावना नजर आ रही है। बीते रविवार को आई एक अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अमरीकी सीनेटर स्टीव स्कैलिस ने कहा कि अमरीकी प्रशासन ने ईरान के लिए अपना तेल बेचना आसान बना दिया है जिससे भरपूर राजस्व मिलता है। अब इसका उपयोग आतंकवादी गतिविधि को वित्त पोषित करने के लिए किया जा रहा है। अगर अमरीका ईरान पर प्रतिबंध लगाता है तो पूरी दुनिया मे कच्चे तेल की कीमत बढ़ जाएगी और इससे ईरान के तेल का सबसे बड़ा खरीददार चीन नाराज हो जाएगा।
गाज़ा में संघर्ष रोक दिया तो ईरान को भी रोक दिया
गौर करें तो वाशिंगटन पहले भी कह चुका है कि उसका प्राथमिक उद्देश्य हमास और इज़राइल के बीच (Israel-Hamas War) गाजा संघर्ष को रोकना है क्योंकि इससे बही ईरान को रोका जा सकता है। कई क्षेत्रीय विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें शक है कि बाइडेन (Joe Biden) ईरान के कच्चे तेल के निर्यात को रोकने के लिए मौजूदा अमेरिकी प्रतिबंधों को लागू करने के लिए बड़ी कार्रवाई करेंगे, जो इसकी अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है। दूसरी तरफ अमरीकी सीनेटर स्कॉट ने कहा कि भले ही ये बिल पारित हो जाएं, लेकिन ईरानी तेल निर्यात में किसी भी तरीके से कटौती या अंकुश लगाने के लिए बाइडेन सरकार की कोशिशें मुश्किल दिखाई दे रही हैं।