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सात समंदर पार इस देश में बजा श्रीराम और आयुर्वेद का डंका, उमड़े प्रवासी भारतीय

Shri Ram and Ayurveda: यह अपने आप में धर्म, अध्यात्म और आयुर्वेद के भाव की अनूठी छटा थी, जहां न केवल राम लला मूर्ति की छटा, बल्कि भगवान धन्वतंरि के लिए भी भक्ति की भावना दिखाई दी।

नई दिल्लीDec 21, 2024 / 05:37 pm

M I Zahir

Ayurveda day

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Shri Ram and Ayurveda: भारतीय उच्चायोग की ओर से त्रिनिदाद और टोबेगो में आयुर्वेद की छटा नजर आई। कार्यक्रम में उच्चायुक्त डॉ. प्रदीपसिंह राजपुरोहित ने आयुर्वेद के समग्र कल्याण विज्ञान के रूप में महत्व और इसकी बढ़ती वैश्विक स्वीकृति पर जोर दिया। उन्होंने त्रिनिदाद और टोबेगो सरकार से वेस्टइंडीज विश्वविद्यालय (UWI) में आयुर्वेद चेयर पुनर्जीवित करने का आह्वान किया, जिससे इस प्राचीन विधा में अनुसंधान और सहयोग को प्रोत्साहन मिल सके।

भारत जड़ी-बूटियों का खजाना

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वक्तव्य भी प्रस्तुत किया गया: “भारत जड़ी-बूटियों का खजाना है; यह, एक प्रकार से, हमारा ‘हरा सोना’ है।” गौरतलब है कि जोधपुर के पूर्व नरेश गजसिंह भी 1978 से 1980 तक ट्रिनिडाड में हाई कमिश्नर रह चुके हैं।

धन्वंतरि को जाना जाता है आयुर्वेद के ‘जनक’ के रूप में

जयपुर फुट यूएसए, न्यूयॉर्क के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने कहा कि “ हम महर्षि धन्वंतरि को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्हें आयुर्वेद के ‘जनक’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने चरक संहिता के माध्यम से मानवता को प्राकृतिक उपचार और समग्र स्वास्थ्य का मार्गदर्शन प्रदान किया। आयुर्वेद भारत का विश्व को दिया गया एक अनमोल उपहार है, जो स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य को प्रोत्साहित करता है।”

बदल चुका है 22 लाख से अधिक दिव्यांगों का जीवन

भंडारी ने जयपुर फुट यूएसए की मातृ संस्था भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (BMVSS) के मानवीय प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। यह संगठन 1975 में पद्मभूषण डी.आर. मेहता ने स्थापित की थी और तब से 42 देशों में 114 अंतरराष्ट्रीय शिविरों के माध्यम से 22 लाख से अधिक दिव्यांगों का जीवन बदल चुकी है।

हर्बल उत्पादों का प्रदर्शन किया

इस कार्यक्रम में ब्रह्म विद्या पीठम इंटरनेशनल (त्रिनिदाद) के स्वामी ब्रह्मस्वरूपानंद और रामकृष्ण मिशन (नई दिल्ली) के स्वामी सर्वलोकानंद ने विचार व्यक्त किए। उन्होंने आयुर्वेद के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त, ब्रायडन पीआई लिमिटेड की ओर से आयोजित एक आयुर्वेद प्रदर्शनी में हिमालय जैसे प्रसिद्ध ब्रांडों के हर्बल उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।

दत्तात्रेय योग केंद्र में गूंजीं स्वर लहरियां

त्रिनिदाद के कारापाचिमा में दत्तात्रेय योग केंद्र में एक भजन संध्या का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 85 फीट ऊंची विश्व की तीसरी सबसे बड़ी हनुमान मूर्ति के सान्निध्य में संपन्न हुआ। इस मूर्ति को उनके पवित्र स्वामी गणपति सचिदानंद ने प्रतिष्ठित किया है। आयोजन में उच्चायुक्त डॉ. प्रदीप सिंह राजपुरोहित, ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ राम मंदिर, न्यूयॉर्क के संस्थापक प्रेम भंडारी, सांसद रुद्रनाथ इंदरसिंह (कुवा नॉर्थ), सांसद रवि रतिराम (कुवा साउथ) और कई प्रमुख आध्यात्मिक नेता जैसे स्वामी ब्रह्मस्वरूपानंद , स्वामी सर्वलोकानंद और स्वामी ब्रह्मदेव उपस्थित थे।

अयोध्या राम मंदिर उत्सव की भूरि-भूरि प्रशंसा

डॉ. राजपुरोहित ने त्रिनिदाद में जल्द होने वाले जयपुर फुट कैंप की घोषणा की और इसे दिव्यांगजनों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने त्रिनिदाद के हिंदू समुदाय की सांस्कृतिक उपलब्धियों, विशेष रूप से अयोध्या राम मंदिर उत्सव की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

त्रिनिदाद रामायण नगरी जैसा प्रतीत होता

प्रेम भंडारी ने त्रिनिदाद की आध्यात्मिकता की प्रशंसा करते हुए कहा: “ मैं जहां भी जाता हूं, वहां सीता राम और हनुमान के मंदिर देखता हूं, जिससे त्रिनिदाद रामायण नगरी जैसा प्रतीत होता है। मैं याद करता हूं कि कैसे 5,000 से अधिक भक्तों ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा उत्सव मनाया और एक अन्य कार्यक्रम में 15,000 से अधिक भक्तों ने एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया। यह इस भूमि की गहरी धार्मिकता दर्शाता है।”

राम लला मूर्ति स्मृति चिन्ह भेंट

कार्यक्रम के दौरान, एक ऐतिहासिक क्षण तब आया जब राम जन्मभूमि स्थापना समिति के अध्यक्ष अमित अलाघ ने अयोध्या से लाया गया राम लला मूर्ति स्मृति चिन्ह प्रेम भंडारी को भेंट किया। इसे उन्होंने एक ‘जीवन में एक बार’ मिलने वाला आशीर्वाद बताते हुए सभी को अप्रेल 2025 में मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया।

भारतीय प्रवासी समुदाय ने सक्रिय भागीदारी निभाई

यह संध्या दत्ता कीर्तन मंडली और महात्मा गांधी सांस्कृतिक संबंध संस्थान की ओर से प्रस्तुत भक्तिमय संगीत के साथ संपन्न हुई, जिसने सभी उपस्थित लोगों के हृदयों पर गहरी आध्यात्मिक छाप छोड़ी। इस मौके मुख्य अतिथि परिवहन और कार्य मंत्री रोहन सिननन उपस्थित रहे। कार्यक्रम में आयुर्वेद विशेषज्ञों, चिकित्सा क्षेत्र के पेशेवरों, आध्यात्मिक संगठनों और भारतीय प्रवासी समुदाय ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

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