महिला को चिकित्सक कक्ष तक ले जाने के लिए आधे घंटे से ज्यादा समय व्हीलचेयर खोजने में बीत गया। अंत में स्टाफ नर्स ने अपने कमरे से लाकर व्हीलचेयर उपलब्ध कराया। इसके पूर्व नर्स ने ही उन्हें व्हीलचेयर खोजने भेज दिया था। वहीं कोरोना जांच में भी लेटलतीफी हुई।
महिला के परिजन ने इलाज में लेटलतीफी तथा स्टाफ नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजन का कहना है कि यदि समय पर वहीं व्हीलचेयर उपलब्ध करा दिया गया होता और इलाज शुरु हो जाता तो उसकी जान बच जाती।
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बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रघुनाथनगर निवासी सविता जायसवाल पति अंबिका जायसवाल 23 वर्ष को गुरुवार को प्रसव पीड़ा होने पर रघुनाथनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां चिकित्सकों ने डिलीवरी कराया। महिला का अत्यधिक रक्तस्राव हो जाने के कारण स्थिति गंभीर हो चुकी थी।
महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उसे बेतहर इलाज के लिए
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन निजी वाहन से अंबिकापुर लेकर पहुंचे। यहां निजी अस्पताल में भर्ती नहीं लेने पर परिजन रात करीब २.३० बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित एमसीएच में लेकर पहुंचे।
यहां ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स ने कहा कि मरीज को वाहन से उतार कर व्हीलचेयर से ले आओ। परिजन द्वारा व्हीलचेयर मांगने पर स्टाफ नर्स ने व्हील चेयर के लिए ऊपर की बिल्डिंग में भेज दिया। परिजन व्हीलचेयर के लिए पुराने अस्पताल, इमरजेंसी सहित इधर-उधर करीब आधे घंटे तक भटकते रहे।
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नहीं मिलने पर परिजन स्वयं मरीज को लाने को तैयार हुए तो स्टाफ नर्स ने अपने कक्ष से व्हील चेयर निकालकर दिया। यह देख परिजन भी हैरान रह गए। इसके बाद उसे कोरोना जांच कराने की बात कही गई।
कोरोना जांच में भी लगभग आधे घंटे का समय बीत गया। इस तरह स्टाफ नर्स व ड्यूटी डॉक्टर की लापरवाही के कारण मरीह की हालत बिगड़ गई और अंतत: महिला की मौत (Women death) हो गई। परिजन ने समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण महिला की मौत का आरोप लगाते हुए अस्पताल प्रबंधन पर नाराजगी व्यक्त की।
सिलेंडर में ऑक्सीजन भी नहीं थामृतिका के पति अंबिका जायसवाल का आरोप है कि कोरोना जांच
(Corona test) के दौरान पत्नी की स्थिति बिगड़ गई। जब वह अंतिम समय में थी तो ऑक्सीजन लगाया गया। उसका कहना था कि सिलेंडर में ऑक्सीजन भी नहीं था। इस कारण काम नहीं कर रहा था। ऑक्सीजन के बारे में पूछने पर स्टाफ नर्स ने कुछ नहीं बताया।
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व्हील चेयर व स्ट्रेचर को लेकर आए दिन होती है परेशानीमेडिकल कॉलेज अस्पताल में व्हील चेयर व स्ट्रेचर की समस्या पुरानी है। नए-नए व्हील चेयर व स्ट्रेचर तो मंगाए जाते है पर कुछ दिनों के बाद उनका पता नहीं चलता है। जब गंभीर मरीज अस्पताल पहुंचते हैं तो परिजन का काफी समय स्ट्रेचर व व्हील चेयर खोजने में बीत जाता है। इस स्थिति में मरीज की जान आफत में पड़ जाती है। समय पर इलाज नहीं मिल पाने से कई बार मरीज की मौत तक हो चुकी है।
गंभीर थी महिला की हालत
अत्यधिक रक्तस्राव हो जाने के कारण महिला की स्थिति गंभीर थी। कोरोना जांच के बिना ओटी में ले जाना ठीक नहीं था। इसी बीच महिला की मौत हो गई।
डॉ. लखन सिंह, एमएस, मेडिकल कॉलेज अस्पताल