मौसम वैज्ञानिक एसके मंडल ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में सक्रिय उपरी हवा के चक्रीय परिसंचरण से भारी मात्रा में नमी का प्रवेश उत्तरी छत्तीसगढ़ में जारी है। वहीं अरब सागर में सक्रिय चक्रवात बना हुआ है। इन दोनों प्रभाव के कारण उत्तरी छत्तीसगढ़ में इसका असर देखा जा रहा है।
बार-बार बदल रहा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के बार-बार सक्रिय रहने के कारण मौसम में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही थी। वहीं 9 फरवरी को शुष्क हवा का प्रवेश होने के कारण न्यूनतम तापमान 4 डिग्री पहुंच गया था। 10 फरवारी को तापमान में हल्की वृद्धि दर्ज की गई थी।
10 मिनट तक गिरे ओले
अंबिकापुर सहित उत्तरी छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। रविवार को कई जगहों पर तेज हवा के साथ बारिश हुई। वहीं दोपहर करीब 2 बजे मैनपाट के क्षेत्रों में लगभग 10 मिनट तक ओलावृष्टि होने से बर्फ की सफेद चादर बिछ गई। मौसम विभाग के अनुसार अंबिकापुर में शाम 5.30 बजे तक 3.8 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है।
फसलों को पहुंचा भारी नुकसान
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि की वजह से सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ है। ओलावृष्टि व बारिश के कारण सब्जियों, तिलहन व दलहन की फसलों को नुकसान पहुंचा है। बारिश के कारण फल व फूल में कीड़े लग जाएंगे।