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अंबिकापुर

सात फेरे के बाद दूल्हा भरने जा रहा था मांग में सिंदूर, अचानक आया ये ट्वीस्ट और बिना दुल्हन लिए लौटी बारात

Twist in Marriage: मंत्रों के उच्चारण के बीच धूमधाम से हो रही थी शादी, दूल्हा व दुल्हन (Groom and bride) पक्ष के दर्जनों लोग शादी के बनने जा रहे थे गवाह, ऐन मौके पर कुछ ऐसा हुआ कि रोकनी पड़ गई शादी, विवाद (Dispute) की स्थिति भी बनी लेकिन शादी नहीं हो पाई

अंबिकापुरFeb 22, 2022 / 01:11 pm

rampravesh vishwakarma

marriage stoped after 7 round

Child marriage stop

उदयपुर. Twist in Marriage: सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड स्थित एक गांव में धूमधाम से शादी हो रही थी। मंत्रों के उच्चारण के बीच दूल्हा-दुल्हन सात फेरे ले चुके थे। सिंदूर रस्म होने वाला था। इसी बीच दूल्हा दुल्हन की मांग की सिंदूर भरने ही वाला था कि मामले में अचानक ट्वीस्ट (Twist in marriage) आ गया और शादी रोकनी पड़ी। कुछ देर हुज्जत भी हुई लेकन कानून के डर से शादी नहीं हो पाई। दरअसल 14 वर्षीय किशोरी का विवाह उसके माता-पिता कर रहे थे। इसकी सूचना मिलते ही महिला उत्थान कल्याण समिति व चाइल्ड लाइन की टीम मौके पर पहुंच गई और बाल विवाह रोक दिया। दूल्हा-दुल्हन पक्ष को समझाइश व कानून (Child marriage law) की जानकारी दी गई, इसके बाद बिना शादी ही दूल्हे के साथ बारात को वापस लौटना पड़ा।

उदयपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम बेलढाब में 14 वर्षीय नाबालिग लड़की का विवाह माता-पिता के द्वारा करवाया जा रहा था। शादी की तैयारी पूरी हो चुकी थी। सात फेरे हो चुके थे, नाबालिग को बस सिंदूर लगने वाली थी कि महिला उत्थान कल्याण समिति की टीम अध्यक्ष सरिता महंत के नेतृत्व में मौके पर पहुंच गई और बाल विवाह (child marriage) को रुकवाया गया।
महिला उत्थान कल्याण समिति के गांव-गांव में मौजूद सदस्यों की पहल से 14 वर्षीय नाबालिग की शादी रुकी। विवाह को रोकने पहल करने के दौरान मौके पर उपस्थित लड़की पक्ष के लोगों ने विवाद भी करने की कोशिश की, लेकिन सरपंच प्रतिनिधि नंदा, उपसरपंच अमृत यादव एवं डायल 112 की टीम भी मौके पर पहुंची और दूल्हा तथा दुल्हन पक्ष को समझाइश दी। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद बारात को बिना दुल्हन के खाली हाथ लौटना पड़ा।

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बाल विवाह कानून की दी जानकारी
बारातियों के लौट जाने के बाद चाइल्ड लाइन की टीम और महिला विकास विभाग की टीम मौके पर पहुंची और लड़की के माता-पिता को समझाइश देते हुए पंचनामा तैयार कर कागजी कार्यवाही पूर्ण की गई। टीम ने नाबालिग लड़की के माता-पिता तथा मौके पर उपस्थित गांव के अन्य लोगों को बाल विवाह नहीं करने तथा इससे जुउ़े कानून के बारे भी बताया गया। समझाइश के बाद परिजनों ने नाबालिग का विवाह नही करने का लिखित आश्वासन दिया।

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शादी के बाद होती है परेशानी
कार्रवाई में शामिल डायल 112 की टीम के सदस्य, चाइल्ड लाइन सदस्य स्तुति राजवाड़े, महिला बाल विकास विभाग से सुपरवाइजर ऐरखामेरन लकड़ा व सुमन उपस्थित थीं।

महिला उत्थान कल्याण समिति के अध्यक्ष सरिता महंत ने सभी से अपील की है कि शादी की उम्र के बाद ही लड़के-लड़की का विवाह करें। शासन द्वारा निर्धारित उम्र में विवाह होने से युवक-युवती दोनों का दांपत्य जीवन सुखमय होता है। बाल विवाह (Child marriage) से विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना दोनों ही परिवार के सदस्यों और बालक-बालिका को करना पड़ता है।

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