उन्होंने तम्बाकू (Tobacco) उत्पाद के उपभोग को कम करने एवं जनसामान्य में जागरूकता हेतु ज्यादा से ज्यादा लोगों को तम्बाकू से दूरी बनाने के लिए निकट भविष्य में होने वाले शारीरिक, मानसिक बीमारी से बचने सतर्कता बरतने कहा।
कलेक्टर ने कहा कि समस्त शासकीय एवं निजी संस्थानों में तम्बाकू निषेध संबंधी बोर्ड सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से लगाएं। एक सप्ताह के बाद बोर्ड नहीं लगाने वाले कार्यालयों पर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के दल तम्बाकू के प्रयोग संबंधित सर्वे हेतु आएगी और आकस्मिक निरीक्षण भी करेगी।
कलेक्टर ने जला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त निजी एवं शासकीय शिक्षण संस्थानों में धूम्रपान निषेध शिक्षण संस्थान एवं तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्था के बोर्ड लगवाने तथा 100 गज के दायरे में किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद बेचने पर कोटपा 2003 की धारा 06बी के तहत अपराध है, से संबंधित बोर्ड चस्पा कराने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही शिक्षण संस्थान परिसर के 100 गज के दायरे में किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद की बिक्री न हो यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कार्यशाला में जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह, अपर कलेक्टर द्वय एएल ध्रुव व सुश्री संतनदेवी जांगडे सहित सभी जिला अधिकारी उपस्थित थे।
होती हैं ये जानलेवा बीमारियां
नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने तम्बाकू के सेवन से ग्रसित लोगों के बारे में बताते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति यदि तम्बाकू का सेवन करता है तो उसे कैंसर, हार्ट ब्लॉक, खून में थक्का जमना व नसों में शिथिलता की शिकायत आज नहीं तो कल निश्चित रूप से होगी।
इन जगहों पर व इन्हें तंबाकू बेचना पूर्णत: प्रतिबंधित
डा. शैलेंद्र गुप्ता ने बताया कि कोटपा एक्ट 2003 की धारा 4 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना पूर्णत: प्रतिबंध है। धारा 6 (अ) के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तम्बाकू उत्पाद बेचना पूर्णत: प्रतिबंध है।
धारा 6 (ब) के तहत समस्त शिक्षण संस्थान के 100 गज (91 मीटर) की परिधि में तम्बाकू उत्पाद बेचना पूर्णत: प्रतिबंध है। उक्त नियमों का पालन करना अनिवार्य है। साथ ही उल्लंघन करने पर नियमत: वैधानिक कार्यवाही की जाएगी, जिसके लिए संबंधित स्वयं जिम्मेदार होंगें।