अंबिकापुर की रहने वाली 28 वर्षीय आकांक्षा ने शादी डॉट कॉम साइट (Shaadi.com) से अपने लिए वर चुन लिया था। पर आकांक्षा के पिता व भाई इस शादी के लिए मान नहीं रहे थे। कुछ दिन पूर्व लडक़ी ने महिला थाना पहुंच कर अपने पिता व भाई के खिलाफ शिकायत की थी। इसके बाद युवती को स्वधारगृह एमएसएसवीपी भेज दिया गया था।
एमएसएसवीपी की संचालिका डॉ. मीरा शुक्ला से उसकी कांउंसिलिंग कराई गई। कांउंसिलिंग के दौरान भी युवती अपने मनचाहे वर से ही शादी करने पर अडिग थी। अंत में मीरा शुक्ला ने आकांक्षा की शादी कराने का फैसला लिया।
उन्होंने लडक़े से भी बात की और दोनों की रजामंदी के बाद एमएसएसवीपी में ही ७ नवंबर को शादी कराई गई। लडक़ा अंकित भिलाई का रहने वाला है और स्टील प्लांट में काम करता है।
कांग्रेसी नेता व उनके पुत्र के पास आधी रात लगातार आ रहे थे धमकी भरे कॉल, मोबाइल बंद किया तो कार में लगा दी आग
एमएसएसवीपी परिसर में ही सजा मंडपदोनों की शादी धूमधाम से एमएसएसवीपी परिसर में कराई गई। इस दौरान लडक़े के माता-पिता के अलावा सगे संबंधी भी शामिल हुए। पर लडक़ी की ओर से कोई नहीं आया।
इस पर डॉ. मीरा शुक्ला ने मां का फर्ज अदा करते हुए कन्यादान किया। शादी पूरे हिन्दू रीति-रिवाज के साथ कराई गई। एमएसएसवीपी परिसर में ही मंडप सजाया गया। सात फेरे भी हुए। शादी संपन्न होने के बाद मीरा शुक्ला ने अपनी बेटी की तरह आकांक्षा को ससुराल के लिए दुल्हे के साथ विदा किया।
कलक्टर गैंती से खोद रहे थे सडक़, बगल में खड़े एसडीओ और सब-इंजीनियर के छूट रहे थे पसीने
अब तक करा चुकीं हैं 12 कन्याओं का विवाहडॉ. मीरा शुक्ला ने अब तक 12 बेसहारा कन्याओं का विवाह (Marriage) कराया है। उन्होंने अपने जीवन में कई लोगों की मदद की है। उन्होंने विशेष कर आदिवासी अंचल (Tribal area) में जाकर महिलाओं के उत्थान के लिए कई काम किए हैं।
हर कोई मीरा शुक्ला को मीरा मां (Meera Maa) कहकर पुकारता है।वे अपने जीवन में कई बेहतर काम कर चुकीं हैं। इसके लिए उन्हें पूर्व में कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है। अभी फिलहाल २ नवंबर को उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।