Protest for land: 13 दिनों से धरने पर बैठे हैं 60 परिवार, मांग रहे जमीन का पट्टा, बोले- …तो राष्ट्रपति से मांगेंगे इच्छा मृत्यु
Protest for land: स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के गोदाम निर्माण के लिए जमीन का किया गया है सीमांकन, परिवार वालों को बेदखली का सता रहा है डर, कलेक्टर के जनदर्शन में दिया आवेदन
अंबिकापुर. शहर से लगे ग्राम डिगमा में पिछले 13 दिनों से 60 परिवार अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है। जिस शासकीय भूमि पर ये परिवार काबिज हैं, वहां स्टेट वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के गोदाम का निर्माण कराया जाना है। निर्माण के लिए उक्त भूमि का सीमांकन 15 दिन पूर्व जिला प्रशासन द्वारा कराया गया है। जमीन सीमांकन के बाद ग्रामीणों को डर है कि उक्त भूमि से उन्हें बेदखल (Protest for land) कर दिया जाएगा। इस लिए 60 परिवार पिछले 13 दिनों से धरने पर बैठे है।
वहीं ग्रामीणों ने सोमवार को कलेक्टर जनदर्शन में ज्ञापन सौंपकर उक्त भूमि से बेदखल न करने और स्थायी पट्टा दिलाए जाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन हमारी मांग नहीं मानता है तो हम लोग राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे।
शहर के गांधीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नेहरूनगर, डिगमा में भारत सरकार पुनर्वास विभाग मद की भूमि की खसरा नं 309, 310 कुल प्लाट 2 रकबा 2 एकड़ भूमि पर 3-4 पीढ़ी से लोग घर बनाकर (Protest for land) रह रहे हैं। उक्त भूमि पर शासन द्वारा छग स्टेट वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के गोदाम का निर्माण किया जाना है।
इसके लिए 15 दिन पूर्व भूमि का सीमांकन भी कराया गया है। वहीं ग्रामीणों को भय है कि उक्त भूमि से उन्हें जिला प्रशासन द्वारा बेदखल कर दिया जाएगा। इससे लोग सडक़ (Protest for land) पर आ जाएंगे, इसलिए ग्राम डिगमा के करीब 60 परिवार 18 दिसंबर से भूमि बचाव आंदोलन के रूप में अनिश्चितकालीन धरने पर हैं।
ग्रामीणों की मांग है कि ग्राम-नेहरूनगर डिगमा में काबिज भूमि के परिवारों की काबिज भूमि का कब्जा अनुसार स्थायी पट्टा दिया जाए, अन्यथा यह आंदोलन (Protest for land) निरंतर जारी रहेगा। यदि उनको काबिज भूमि से बल पूवर्क सरकार द्वारा हटाने का आदेश दिया जाता है तो समस्त ग्रामीण ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत व जिला पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेगें, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन की होगी।
पीडि़त ग्रामीणों ने सोमवार को कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचकर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है। ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन जब तब हमारी बातें नहीं मानता तब तक हम लोग आंदोलन (Protest for land) समाप्त नहीं करेंगे। अगर हमारी मांगे नहीं पूरी नहीं होती है तो हम राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे।
अन्य शासकीय भूमि पर गोदाम का कराया जाए निर्माण
ज्ञापन सौंपने आए ग्रामीणों (Protest for land) का कहना है कि स्टेट वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के गोदाम का निर्माण रिहायशी इलाके में न कराकर शहर से 10-15 किमी दूर शासकीय भूमि में कराया जाए, जहां पर भवन निर्माण की कार्रवाई में किसी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी। साथ ही किसी गरीब के मकान, घर, बाड़ी खाली कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
Protest for land: हमें क्यों उजाडऩे पर तुली है सरकार
ग्रामीणों का कहना है कि शासन द्वारा सरगुजा में ईरानी, बांग्लादेश से आए बंगाली व तिब्बती लोगों को बसाने का काम किया है तो हम लोगों को सरकार क्यों उजाड़ (Protest for land) रही है। हमे भी सरकार जीवन यापन के लिए स्थायी पट्टा दे।
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