अंबिकापुर. राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो समुदाय के लोग इन दिनों खून की कमी व कुपोषण से जूझ रहे हैं। कुपोषण के कारण एक और पंडो जनजाति युवक की मौत शनिवार की शाम हो गई। स्थानीय डॉक्टरों ने उसे इलाज के लिए बाहर ले जाने की सलाह दी थी लेकिन गरीबी के कारण उसके परिजन रुपयों की व्यवस्था नहीं कर पाए।
अंतत: घर पर ही उसकी सांसें उखड़ गईं। 15 दिन पूर्व भी कुपोषण और खून की कमी से एक पंडो व उसके 2 पुत्र की मौत हो गई थी। इसके बाद बलरामपुर जिले के पंडो जनजाति क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था। स्वास्थ्य शिविर में समाज के कई महिला-पुरुष व बच्चे कुपोषित पाए गए थे।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत बरवाही भुसडियापारा निवासी राजनाथ पंडो पिता रामप्रसाद पण्डो 35 वर्ष की शनिवार की शाम 4 बजे घर पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि राजनाथ पण्डो कुछ दिन पहले से कमजोर व कुपोषित था। उसकी तबीयत भी खराब थी, ऐसे में वह काम-धंधा नहीं कर पा रहा था जिससे उसके घर की आर्थिक स्थिति भी दयनीय थी।
IMAGE CREDIT: Rajnath बीमार पडऩे पर अपनी गरीबी के कारण इलाज कराने में असमर्थ था। 2 सितम्बर को सरकारी अस्पताल सनावल इलाज के लिए परिजन ले गए थे। वहां के चिकित्सक द्वारा बताया गया कि शरीर में खून बहुत कम है, इलाज कराने के लिए बाहर ले जाइए।
डॉक्टर की ये बात सुनकर राजनाथ पण्डो के घर वाले आर्थिक तंगी के कारण घर लौट गए। वे राजनाथ पण्डो को बाहर इलाज कराने ले जाने की तैयारी कर रहे थे।
इसके लिए वे इधर-उधर से रुपए की व्यवस्था कर रहे थे लेकिन पैसों की व्यवस्था नहीं हो सकी। ऐसे में वह घर पर ही पड़ा रहा और उसकी मौत हो गई। राजनाथ की मौत के बाद स्वास्थ्य अमले द्वारा उसके अन्य परिजनों की स्वास्थ्य की जांच की गई।
IMAGE CREDIT: Pando deathपंडो जनजाति में कुपोषण की शिकायत 1 महीने पूर्व बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर ब्लाक अंतर्गत ग्राम दोलंगी में खून की कमी व कुपोषण के कारण एक पंडो व उसके 2 मासूम पुत्रों की मौत (Father and 2 son death) हो गई थी। इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था।
स्वास्थ्य शिविर में पंडो जनजाति के कई महिला-पुरुष व बच्चे कुपोषित पाए गए थे। पंडो जनजाति के बीच जागरुकता का जहां अभाव हैं, वहीं आर्थिक तंगी के कारण भी ये कुपोषित हो रहे हैं।
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