इस तरह की हरकत करते मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमएस डॉ. लखन सिंह ने बिचौलियों को स्वयं पकड़ा है। एमएस द्वारा ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं। वहीं ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स को भी सख्त निर्देश दिया गया है कि अगर अस्पताल में निजी संस्थान के लोग आते हैं तो उन्हें न आने दें और ऐसे करने से भी नहीं मानते हैं तो पुलिस सहायता केन्द्र में इसकी जानकारी दें।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए हर कोशिश की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद अस्पताल प्रशासन भी काफी सख्त है और लगातार व्यवस्था में सुधार के प्रति प्रयास किया जा रहा है। अस्पताल में डॉक्टर, स्टाफ को आईडी नंबर दिया गया है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया कि कुछ दिन पूर्व एमसीएच के एसएनसीयू में निजी लैब का एक टेक्नीशियन ड्रेस कोड में था पर उसके पास अस्पताल की आइडी नहीं थी। इससे वह पकड़ में आ गया।
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वहीं नर्सिंग की एक छात्रा बिना किसी की जानकारी के वार्ड में मरीजों के बीच जाकर इंजेक्शन लगाना व अन्य काम करते पकड़ी गई थी। जब छात्रा से पूछताछ की गई तो वह वहां से भाग गई।
इसके बाद एमएस डॉ. लखन सिंह ने अस्पताल (Medical college hospital) के सभी स्टाफ नर्स को सख्त निर्देश दिए हैं कि अगर इस तरह का कोई भी बाहरी व्यक्ति मरीजों के बीच जाता है तो उसके खिलाफ शिकायत करें और इसकी जानतारी तत्काल दें।
स्टाफ नर्स की मिलीभगत से सब कुछ
अस्पताल में बिचौलिए काफी सक्रिय हैं और मरीजों को निजी अस्पताल में जाने का झांसा देने का काम अस्पताल के स्टाफ नर्सों की मिली भगत से चलता है।
निजी लैब के कर्मचारी अस्पताल के वार्ड में जाकर मरीजों व उनके परिजन को समझाइश देकर अपने निजी लैब में लेकर जांच कराते हैं। वहीं इस तरह के कई बिचौलिए अस्पताल के वार्डों में घुमते रहते हैं और मौका देखकर मरीजों को निजी अस्पताल में कम खर्च पर इलाज कराने का झांसा देकर ले जाते हैं।
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टेक्नीशियन ने सैंपल लेने से कर दिया मनाशनिवार को एक महिला अपने बच्चे का इलाज कराने मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची थी। चिकित्सक ने बच्चे का सीवीसी सैंपल लिवर की जांच कराने के लिए लिखा। महिला अपने बच्चे की जांच कराने के लिए पर्ची कटाकर जब लैब पहुंची तो वहां ड्यूटी कर रहे टेक्नीशियन ने यह कह कर उसे वापस भेज दिया गया कि आपका बच्चा कमजोर है।
उसका सैंपल नहीं लिया जा सकता है। जब इसकी जानकारी महिला ने डॉक्टर को दी तो डॉक्टर ने पर्ची में अर्जेंट लिखकर जांच कराने के लिए भेजा। इसके बाद महिला पुन: लैब में जाकर बताई तो टेक्नीशियन ने उसे डांट कर भगा दिया। इसके बाद महिला पर्ची लेकर एमएस के पास गई और पैसा वापस कराने की मांग की।
एमएस डॉ. लखन सिंह ने कारण पूछा तो महिला ने टेक्नीशियन के दुव्र्यवहार से अवगत कराया। इसके बाद एमएस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए टेक्नीशियन को बुलाकर फटकार लगाई और बच्चे का सैंपल लेने के निर्देश दिए।