अंबिकापुर. Land encroachment: सरगुजा में शासकीय जमीन पर कब्जा करने का खेल काफी पुराना है। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी वन भूमि सहित राजस्व की जमीन पर अवैध कब्जा (Land encroachment) किया जा रहा है। कई शासकीय भूमि पर कब्जे में संबंधित विभाग की भी मिलीभगत होती है। वहीं एक नया मामला शहर से लगे ग्राम पंचायत बधियाचुआं का है। यहां भू बिचौलियों ने हरे-भरे पेड़ों की कटाई कर करीब 30 हेक्टयेर भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है।
बधियाचुआं के लोगों ने इसकी (Land encroachment) शिकायत वन विभाग व कलेक्टर से की है। इसके बावजूद विभाग द्वारा बिचौलियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि उल्टा वन विभाग हम लोगों को ही परेशान कर रहा है, जबकि हम लोग वर्षों से काबिज हैं और वन भूमि पट्टा भी शासन द्वारा मिला है।
इसके बावजूद हमें वन विभाग द्वारा धमकी दी जाती है कि आप लोग केवल उक्त भूमि पर कृषि कार्य ही कर सकते हैं। वहीं मामले की जानकारी होने पर पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने ग्रामीणों से मुलाकात की और उन्होंने शासन-प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है।
वन व पर्यावरण विभाग नींद में
जिले मेें वन व पर्यावरण विभाग गहरी नींद में रहता है। इधर बिचौलियों द्वारा हरे-भरे पेड़ों को काट कर वन व राजस्व भूमि पर कब्जा किया जा रहा है। विभाग द्वारा बिचौलियों पर कोई कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद रहते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा मना करने पर उनके साथ विवाद व धमकी तक देते हैं। इससे स्थानीय लोग कुछ कर नहीं पाते हैं।
अतिक्रमण किए जाने की जानकारी मिलने पर पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने बधियाचुआं पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात की। इस दौरान सिंहदेव ने कहा कि ग्रामीणजन आजादी से पूर्व से काबिज हैं, उन्हें परेशान किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर 30 हेक्टेयर भूमि पर बिचौलियों द्वारा कब्जा कर लिया गया है और स्थानीय लोगों को परेशान किया जा रहा है।
ये सारी चीजें प्रशासन को रोकनी चाहिए। कई ऐसे लोग हैं जो आजादी से पूर्व से काबिज हैं, उन्हें आज तक वन अधिकार पट्टा नहीं दिया गया है। 13 दिसंबर 2005 से पूर्व जो वन अधिकार पट्टा का कानून आया उसके तहत कुछ पात्र लोगों को वन अधिकार पट्टा नहीं मिला है। बार-बार टाला जा रहा है।
ग्राम बधियाचुआं में करीब 30 हेक्टेयर वन भूमि पर बिचौलियों द्वारा अवैध कब्जा (Land encroachment) कर लिया गया है। इधर वन विभाग को भनक तक नहीं लगी। जबकि वनों की सुरक्षा व देख रेख के लिए वन अमला तैनात है इसके बावजूद बिचौलियों द्वारा वन भूमि पर कब्जा कर लिया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यह सब वन विभाग के मिलीभगत से हुआ है।
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