इस बार जिउतिया तिथि को लेकर कई लोग असमंजस में हैं क्योंकि सप्तमी के दिन ही अष्टमी लग जा रहा है। इस बार 29 सितंबर को महिलाएं जिउतिया या जिवितपुत्रिका व्रत रखेंगीं। 30 सितंबर को पारण होगा।
विद्वान पंडितों का इस बार की जिउतिया तिथि को लेकर कहना है कि 28 सितंबर को शाम 5 बजकर 5 मिनट में अष्टमी का आगमन होगा और 29 सितंबर की शाम 4 बजकर 54 मिनट तक यह रहेगा।
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यह उदयकालीन एवं प्रदोष व्यापिनी सप्तमी रहित है। ऐसे में जिउतिया व्रत का नहाय खाय 28 को होगा, 29 सितंबर को महिलाएं व्रत रखेंगीं तथा 30 सितंबर को 6 बजकर 5 मिनट पर सूर्योदय के बाद पारण करेंगीं।
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अष्टमी में किया जाने वाला है यह व्रतयह व्रत अष्टमी में किए जाने वाला व्रत है। अत: व्रत ऐसा होना चाहिए, जिसमें सप्तमी वेद का दोष न हो तथा अष्टमी में उपवास भी हो जाए। सप्तमी रहित अष्टमी को निर्जला उपवास रख माताएं नवमी को पारण करती हैं। मिथिला और बनारसी पंचांग में टाइमिंग में अंतर के कारण यह मतभेद हुआ है।