सरकारी कामों में आए दिन बड़े घोटाले होते रहते हैं। कई मामले में कार्रवाई अंजाम तक पहुंच जाता है तो कुछ मामले मिलीभगत से ले-देकर निपटा दिए जाते हैं। ऐसे में घोटाला करने वाले साफ बच निकलते हैं। ऐसे भी कई मामले सामने आया है जिसमें एफआईआर तक दर्ज हो जाने के बाद भी लीपापोती कर दी जाती है।
इस बार स्कूल भवनों में विद्युतीकरण के नाम पर करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा किया है। मामला सरगुजा जिले के सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 में प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला भवनों में विद्युतीकरण के नाम पर फर्जी बिल लगाकर 3 करोड़ 1 लाख 50 हजार रुपए का गबन कर लिया गया था।
इस मामले में अधिवक्ता व आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी द्वारा 3 नवंबर को न्यायालय में परिवाद दायर किया गया था। परिवाद के बाद न्यायालय द्वारा संबंधित दोषियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे।
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इनपर दर्ज किया गया अपराधन्यायालय के निर्देश पर कोतवाली पुलिस द्वारा एचएल शर्मा तात्कालीन कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण यांत्रिकी सब डिवीजन कार्यालय अंबिकापुर, रीता सेन सब इंजीनियर अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग विद्युतीकरण यांत्रिकी सब डिवीजन बलरामपुर, रूपाली सिन्हा सब इंजीनियर लोक निर्माण विभाग यांत्रिकी अंबिकापुर,
सीमा साहू सब इंजीनियर कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग विद्युतीकरण यांत्रिकी उपसंभाग कोरबा तथा ठेकेदार गणपति कंस्ट्रक्शन रायपुर और निशिकांत त्रिपाठी रायपुर के विरुद्ध धारा 409, 420 व 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है।