ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि रोजगार सहायक संतोष यादव व मेट मीना सिंह उदयपुर ब्लॉक के ग्राम नमना एवं शंकरपुर के रहने वाले हैं। रोजगार सहायक द्वारा मनरेगा में कार्य करने के लिए मजदूरों की सूची तैयार की गई है।
इसमें अपने माता मलेश्वरी एवं पिता लालचंद की भी मजदूरों की सूची में नाम शाामिल कर 1 अपै्रल 2017 से 24 अक्टूबर 2023 तक बिना काम किए मजदूरी का भुगतान किया गया है। रोजगार सहायक के माता-पिता ने एक दिन भी मनरेगा में मजदूरी का काम नहीं किया है। वहीं मुंशी (मेट) मीना सिंह की दादी मानमति की वर्ष 2013 में मृत्यु हो गई है। इसके बावजूद रोजगार सहायक व मेट द्वारा मजदूरी सूची में उसका नाम डालकर मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है।
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ग्रामीणों ने की अपराध दर्ज कराने की मांगफर्जीवाड़ा किए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है। मंगलवार को काफी संख्या में ग्रामीण जनदर्शन में पहुंचे थे। इन्होंने कलेक्टर से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि रोजगार सहायक व मेट द्वारा कूटरचना कर दस्तावेज तैयार कर लाभ लिया गया है। इनके खिलाफ उदयपुर थाना में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाए।
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बहन व माता के नाम पर भी फर्जीवाड़ाग्रामीणों ने मेट मीना ङ्क्षसह पर आरोप लगाया है कि उसने अपनी मां मानमति व बहन सुमेली का भी नाम मजदूरी सूची में नाम शामिल कर फर्जी तरीके से भुगतान कराया है।
जबकि इन दोनों ने भी एक दिन भी मजदूरी नहीं की है। ग्रामीणों का कहना है कि रोजगार सहायक व मेट ने गलत दस्तावेज तैयार कर मजदूरी की राशि गबन की है।
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जिला पंचायत सीईओ ने दिए जांच के निर्देशमनरेगा में फर्जी हाजिरी का यह कोई पहला मामला नहीं है। आए दिन फर्जी हाजिरी भरकर मजदूरी का भुगतान करा लिया जाता है। वहीं जिपं सीईओ नूतन कंवर ने उक्त मामले की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने जनपद के अफसरों को निर्देशित किया है।