गौरतलब है कि लखनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पोड़ी, कुन्नी निवासी पनमेश्वरी राजवाड़े 35 वर्ष के पति स्व. हवन साय राजवाड़े और ललिता राजवाड़े 40 वर्ष के पति श्रीचंद राजवाड़े मजदूरी करते थे। घटना दिवस 3 अप्रैल 2014 को गांव के ही नवरत्न राजवाड़े के ट्रैक्टर में सवार होकर बतौर मजदूर बिजली खंभा ढोने गए थे।
लौटते समय ट्रेक्टर पलट जाने से बिजली खंभे से दब जाने से हवन साय और श्रीचंद की मौत हो गई थी। इस मामले में चालक के पास लाइसेंस नहीं होने के कारण दोनों विधवा को बीमा राशि नहीं मिल पाई थी।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय द्वारा वर्ष 2016 को दिए गए फैसले में कहा गया था कि दोनों महिलाओं में से एक को 5 लाख 32 हजार रुपए तथा दूसरे को 6 लाख 47 हजार रुपए का भुगतान ट्रैक्टर मालिक की संपत्ति कुर्क कर बिक्री करते हुए करने की व्यवस्था बनाई जाए।
इस आदेश के 7 साल बाद भी दोनों महिलाओं को यह राशि नहीं मिल सकी है। विधवा महिलाओं ने जनदर्शन में दिए आवेदन में लिखा है कि पतियों की मौत होने पर उन्हें बच्चों के पालन-पोषण में परेशानी हो रही है। घर में कोई व्यस्क सदस्य नहीं हैं कि वे कमा सकें। इससे परेशान होकर वे इच्छा मृत्यु की मांग कर रही हैं।
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नायब तहसीलदार ने आज तक नहीं की कार्रवाईपीडि़त महिलाओं का कहना है कि ट्र्रैक्टर मालिक नवरत्न द्वारा उक्त मुआवजा राशि नहीं देने के कारण सक्षम न्यायालय द्वारा कलेक्टर सरगुजा को उक्त राशि की वसूली हेतु संपत्ति कुर्की जब्ती करने का आदेश पारित कर निर्देशित किया गया था।
इसके बाद कलेक्टर द्वारा कार्रवाई करने हेतु नायब तहसीलदार कुन्नी को निर्देशित किया गया था। किन्तु आज तक नायब तहसलीदार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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मुआवजा देने से बचने ट्रैक्टर मालिक ने जमीन कर दी दामाद के नामपीडि़त महिलाओं ने आरोप लगाया है कि ट्रैक्टर मालिक मुआवजा राशि देने से बचने के लिए अपने गांव लिपिंगी की भूमि को नायब तहसीलदार एवं पटवारी की मिलीभगत से अपने दामाद के नाम पूरी भूमि रजिस्ट्री कर बिक्री कर दी है। ऐसे में उन्हें आज तक मुआवजा राशि नहीं मिल पाया है।
मंगलवार को दोनों विधवा महिलाओं ने कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचकर कलेक्टर द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पत्र प्रेषित कर एक माह के अंदर मुआवजा राशि दिलाने की मांग की है। मुआवजा राशि नहीं दिलाए जाने पर पीडि़त परिवार ने एक माह के बाद तहसीलदार कार्यालय लखनपुर के सामने इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करने की मांग की है।
सिविल कोर्ट में है मामला
मामला सिविल कोर्ट में है। दो पक्षों के बीच आपस की लड़ाई है। 12 लाख रुपए अनावेदक को देना है। मामले की जांच करने के लिए तहसीलदार को निर्देशित किया गया है। यदि पीडि़त परिवार को अनावेदक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की जरूरत पड़ेगी तो कराई जाएगी।
कुंदन कुमार, कलेक्टर, सरगुजा