scriptमहिला के गले से डॉक्टरों ने निकाला 8-10 किलो वजनी ट्यूमर, टूट सकती थी गर्दन की हड्डी | Doctor's removed 8-10 kg weight tumer from women throat | Patrika News
अंबिकापुर

महिला के गले से डॉक्टरों ने निकाला 8-10 किलो वजनी ट्यूमर, टूट सकती थी गर्दन की हड्डी

Thyroid: पिछले 15 वर्षों से महिला गले के थायराइड से थी पीडि़त, थायरायड बढक़र ले चुका था सिर के आकार का रूप, निजी अस्पताल में इलाज में आते 2 लाख रुपए खर्च, मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical college hospital) में नि:शुल्क हुआ ऑपरेशन

अंबिकापुरDec 01, 2022 / 07:56 pm

rampravesh vishwakarma

Thyroid operation

Women suffering from thyroid

अंबिकापुर. Thyroid: मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर के चिकित्सकों ने एक और जटिल ऑपरेशन कर महिला की जान बचाई है। महिला पिछले 15 साल से गले के थायराइड बीमारी से पीडि़त थी। जब थायराइड लगभग 8 से 10 किलो वजन तक बढ़ गया और महिला को सांस लेने में परेशानी होने लगी तो वह इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची। यहां मेडिकल कॉलेज के इएनटी विभाग के विभागाध्यक्ष बीआर सिंह ने टीम के साथ ऑपरेशन कर महिला की जान बचाई है। महिला ऑपरेशन के बाद पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉक्टर का कहना था कि यदि थायराइड रूपी गोला थोड़ा और बढ़ जाता तो महिला की गर्दन की हड्डी टूट सकती थी।

सूरजपुर जिले के ग्राम सरना निवासी 54 वर्षीय पार्वती अगरिया पिछले 15 वर्षों से गले के थायराइड बीमारी से पीडि़त थी। थायराइड धीरे-धीरे बड़ा हो गया और थायराइड ने गोले (ट्यूमर) का रूप ले लिया। बढ़ते-बढ़ते थायराइड का वजन करीब 8 से 10 किलो तक बढ़ गया। ऐसे में थायरायड गले से नीचे लटक गया था।
इस कारण महिला को सांस लेेने में परेशानी हो रही थी। तकलीफ बढऩे पर महिला इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर पहुंची। यहां परिजन ने उसे इएनटी विभाग के डॉक्टर बीआर सिंह को दिखाया। जांच के बाद पता चला की थायराइड काफी गंभीर हो चुका है। थायराइड का थोड़ा और वजन बढऩे पर महिला की जान भी जा सकती है।
इसके बाद डॉ. बीआर सिंह ने ऑपरेशन का निर्णय लिया और 23 नवंबर को चिकित्सकों की टीम ने महिला का ऑपरेशन किया। थायराइड गले के पास होने के कारण काफी जटिल था।

ऑपरेशन लगभग दो घंटे से अधिक समय तक चला और महिला के गले से लगभग 8 से 10 किलो वजनी थायराइड रूपी गोला निकाला गया। ऑपरेशन के दौरान टीम में डॉ. उषा सहायक प्राध्यापक तथा एनेस्थिसिया से डॉ. दीपा व डॉ. शिवानी शामिल रहे।

मरीज पूरी तरह से स्वस्थ
डॉ. बीआर सिंह ने बताया कि मरीज की स्थिति अब ठीक है। उसे ऑपरेशन के बाद चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया था। स्वस्थ होने पर मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि गले का थायराइड होने के कारण ऑपरेशन काफी जटिल था, इसके बाद भी मरीज का ऑपरेशन कर जान बचाई गई है।

एमसीएच में प्रसूता मां व बच्चे की मौत, 10 हजार नहीं देने पर परिजनों ने मार डालने का लगाया आरोप, जमकर मचाया हंगामा


निजी अस्पताल में 2 लाख से ज्यादा खर्च
डॉ. बीआर ङ्क्षसह ने बताया कि मरीज ग्रामीण क्षेत्र की है और काफी गरीब परिवार से है। अगर यह ऑपरेशन निजी अस्पताल में कराया जाता तो मरीज को 2 लाख रुपए से ज्यादा का खर्च उठाना पड़ता। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में यह ऑपरेशन पूरी तरह नि:शुल्क किया गया है।

जागरुकता व गरीबी के कारण नहीं करा पाई थी ऑपरेशन
चिकित्सक ने बताया कि महिला को थायराइड पिछले १५ वर्षांे से था। महिला काफी गरीब है, वहीं जागरूकता के अभाव में वह इलाज नहीं करा पाई थी। डॉ. बीआर सिंह ने बताया कि मुझे एक एनजीओ के माध्यम से महिला के बारे में जानकारी मिली थी, जिसे बुलाकर ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई गई है।

कलक्टर ने खरीदी केंद्र में महिला किसान से ले ली ऋण-पुस्तिका, देखते ही कहा- जब्त कर लो इसका पूरा धान


टूट सकती थी गर्दन की हड्डी
डॉ. बीआर सिंह ने बताया कि महिला का समय पर इलाज व ऑपरेशन नहीं होने के कारण गले का थायराइड काफी बड़ा हो चुका था। धीरे-धीरे महिला की सांस नली जाम होने लगी थी। इस कारण उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। वहीं थायराइड का थोड़ा और वजन बढऩे पर गर्दन की हड्डी टूट सकती थी।

Hindi News / Ambikapur / महिला के गले से डॉक्टरों ने निकाला 8-10 किलो वजनी ट्यूमर, टूट सकती थी गर्दन की हड्डी

ट्रेंडिंग वीडियो