जानकारी के अनुसार गांधीनगर थाना अंतर्गत ग्राम सकालो में पिछले कुछ दिनों से ग्रामीणों के घर से लगातार चोरी हो रही थी। चोरी के संबंध में ग्रामीणों ने जब पतासाजी की तो उन्हें रेस्ट हाउस के कमल नामक कर्मचारी की चोरी की इन घटनाओं में हाथ होने की जानकारी मिली।
एल्कोहल जांच के लिए रखा था एल्कोमीटर
कमल ने यू ट्यूब से शराब बनाने की विधि सीखी थी। वह अन्य ग्रामीणों की तरह शराब नहीं बनाता था। वह शराब बनाने के लिए महुआ का प्रयोग काफी कम करता था। इसकी जगह पर वह गुड़, सौंफ व अन्य सामान का इस्तेमाल करता था। वह एल्कोहल जांच के लिए एल्को मीटर भी रखा था। जिसे ऑनलाइन मंगाया था।
यह सामान जब्त
पुलिस ने 460 लीटर अवैध महुआ शराब, 20 हजार रुपए नकद, 300 व 500 लीटर की 4 पानी टंकी, 200 लीटर का 6 नग कंटेनर, पाइप लगा हुआ 9 नग डेकची सहित अन्य सामान जब्त किया है।
वन विभाग की भूमिका संदिग्ध
कमल अवैध फैक्ट्री का संचालन सकालो स्थित वन विभाग के रेस्ट हाउस के समीप ही कर रहा था। सूत्रों का मानना है कि यह अवैध कारोबार वन विभाग की भूमिका के बिना संभव नहीं है। हालांकि पुलिस ने अभी तक वन विभाग के किसी भी कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं की है। सीएसपी का कहना है कि अभी जांच जारी है।
मुख्य आरोपी ने की है बीई की पढ़ाई
अवैध महुआ शराब निर्माण करने का मुख्य आरोपी कमल सिंह है। वह वर्ष 2018 में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर से पास आउट है। नौकरी नहीं मिलने पर उसने व्यवसाय करने के लिए बैंक से लोन लेना चाहा पर बैंक द्वारा लोन नहीं मिलने पर वह वन विभाग में मजदूरी करता था और सकालो रेस्ट हाउस के ही एक कमरे में रहता था।