स्कूल की खस्ताहाल स्थिति को लेकर पत्रिका ने 30 अगस्त के अंक में ‘कलेक्टर साहब यहां भी नजर फेरिए, छप्पर के नीचे दम तोड़ रही तालीम’ नामक शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद 31 अगस्त को कलेक्टर ने प्रशासनिक टीम के साथ खुद बाइक चलाकर ग्राम चितालाता (Chitalata school) पहुंचकर स्कूल की स्थिति का जायजा लिया था।
उन्होंने स्कूल की दशा देखते हुए एसडीओ आरईएस को फटकार लगाई थी और एसडीएम लुण्ड्रा नीरज कौशिक और सीईओ जनपद अमन यादव को मौजूदा स्कूल भवन की मरम्मत का कार्य कराने के निर्देश दिए थे।
सितंबर में मरम्मत कार्य हुआ था पूरा
निर्देश के लगभग 4 महीने बाद कलेक्टर ने बुधवार को अधिकारियों के साथ ग्राम चितालाता (Chitalata school) पहुंचे। 4 माह पूर्व बाइक से पहुंचना मुश्किल था, लेकिन अब स्थिति ऐसी है कि चारपहिया वाहन भी आसानी से चितालाता गांव तक पहुंच रहे है।
गेरसा से चितालाता मार्ग की लम्बाई 2.375 किलोमीटर है, जिसमें मिट्टी कार्य, जीएसबी कार्य पूर्ण कर लिया गया है। सडक़ का कार्य जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा।
प्राथमिक शाला के सुधार के दिए थे निर्देश
कलेक्टर ने ग्राम चितालाता (Chitalata school) पहुंचकर स्कूल का निरीक्षण किया था, जहां स्कूल की जर्जर स्थिति देख आवश्यक मरम्मत के निर्देश दिए गए थे। दिनांक 30 सितंबर को स्कूल का काम पूरा हुआ।
उन्होंने कार्य पूर्ण होने के बाद शाला का जायजा लिया। स्कूल में छत, दीवारों और फर्श की मरम्मत की गई है। कलेक्टर यहां बच्चों से मिले और उनके साथ भोजन किया।