दस्तावेज के अनुसार बलरामपुर जिले के भनौरा गांव में गोचर भूमि पुराना खसरा नंबर 93 रकबा 143. 23 एकड़ भूमि है। जिसे भू-बिचौलियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर कई लोगों के नाम विक्रय
(CG land fraud) कर दिया है। जमीन विक्रय के लिए अलग-अलग लोगों के नाम से फर्जी सेटलमेंट लगाया गया था।
मामले की शिकयत आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी ने संभागीय आयुक्त से की थी। शिकयत में उल्लेख किया गया था कि
बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत भनौरा की गोचर भूमि जो साजन, दीपक राम अगरिया, बाबूलाल भुइयां, रामलाल सहित अन्य लोगों के पूर्वजों के नाम पर था जिसे रामविलास के नाम पर वर्ष 1990-91 में वन विस्थापन के संबंध में वन विभाग द्वारा अलग से खसरा नंबर आवंटित कर पट्टा प्रदान पट्टा प्रदान किया गया।
इसके अलावा भूमि खसरा नंबर 520, 521, 522, 523, 525, 526 का बंदोबस्त वर्ष 1996-97 में नया खसरा नंबर 218, 222, 239, 240, 241, 220 बनाया गया और भूमि का पट्टा साजन, दीपकराम दोनों पिता बंसी जाति अगरिया के दादा लालसाय तथा बाबूलाल, रामलाल के भाई जगपत तथा पचाठ के नाम पर प्रदान किया गया।
वन व्यवस्थापन के तहत प्राप्त पट्टे की भूमि को बिना सक्षम अधिकारी के अनुमति प्राप्त किए दूसरे जाति के व्यक्तियों को फर्जी सेटलमेंट लगाकर सेटलमेंट की भूमि बताकर कई लोग को विक्रय किया गया है। संभागीय आयुक्त ने ममाले की जांच के निर्देश कलेक्टर बलरामपुर को दिए थे।
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आयुक्त के निर्देश पर कलेक्टर बलरामपुर द्वारा जांच के लिए टीम गठित की गई थी। टीम ने जांच के बाद प्रतिवेदन कलेक्टर बलरामपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसमें यह उल्लेख किया गया की गोचर भूमि का गलत तरीके से फर्जी सेटलमेंट लगाकर क्रय-विक्रय किया गया है।
जांच रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि राजस्व रिकार्ड का दुरुपयोग कर क्रय-विक्रय किया गया है। गोचर भूमि में काफी प्रभावशाली व्यक्तियों ठेकेदार, नेता व अधिकारियों का मकान बना हुआ है। उक्त जांच रिपोर्ट अब कलेक्टर द्वारा संभागायुक्त को सौंपा जाएगा।