नर्सिंग इंस्टीट्यूट्स में गड़बड़ी की सूत्रों से जानकारी मिलने पर पत्रिका ने करीब आधे दर्जन नर्सिंग इंस्टीट्यूट्स में पड़ताल की। सूत्रों से मिली जानकारी की पड़ताल में पुष्टि भी हुई। बलरामपुर में अशरफी देवी इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग ३ कमरों में चल रहा है, जबकि इनके यहां बीएससी के लिए ही 4 कमरों की जरूरत है।
फैकल्टी की हर सेंटर में कमी
नर्सिंग कॉलेज में प्रिंसिपल को 15 साल टीचिंग का अनुभव होना चाहिए। सरगुजा सम्भाग में संचालित किसी भी कॉलेज में इतने अनुभव का प्रिंसिपल नहीं है। नर्सिंग ट्यूटर्स की कमी भी इन कॉलेजों में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर कॉलेजों में इंस्पेक्शन के दौरान फर्जी तरीके से लोगों को खड़ा कर उन्हें स्टाफ बात दिया जाता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संभाग के कई कॉलेज ऐसे भी हैं, जो छात्र-छात्राओं को निर्धारित घंटों की पढ़ाई भी नहीं कराते हैं। इसकी बड़ी वजह सुविधाओं और शिक्षकों का नहीं होना है। खबर ये भी है कि इन सेंटरों में पढऩे वाले कई बच्चे क्लासेस अटेंड ही नहीं करते हैं। इनसे परीक्षा में शामिल होने के लिए अतिरिक्त शुल्क संस्था ले लेती है।
गड़बडिय़ां हैं तो कार्रवाई सुनिश्चित
संभाग ही नहीं यदि प्रदेश स्तर पर भी इस तरह की गड़बडिय़ां हैं तो नियमानुसार जांच कराई जाएगी। गड़बड़ी करने वाले सेंटरों पर निश्चित कार्रवाई की जाएगी।
टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन