अंबिकापुर. शहर के आदतन बदमाश ने वृद्ध लकड़ी मिस्त्री, उसके पुत्र व सहकर्मी को मायापुर स्थित घर से मंगलवार की रात अपहरण कर अपने फार्म हाउस ले गया। यहां उसने अपने साथी के साथ मिलकर तीनों की लाठी से जमकर पिटाई कर अधमरा कर दिया।
वृद्ध की स्थिति खराब होता देख उसे अस्पताल में भर्ती कराने की बात कर शहर में ही भट्टापारा में बन रहे नये मकान के पास छोड़ दिया। भट्टापारा से पैदल घर पहुंचते ही वृद्ध लकड़ी मिस्त्री की मौत हो गई। पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
झारखंड निवासी 65 वर्षीय महेन्द्र शर्मा, अपने पुत्र विक्की शर्मा व परिवार वालों के साथ मायापुर में उपेन्द्र गुप्ता के मकान में किराये में रहकर लकड़ी मिस्त्री का काम करता था। महेन्द्र के साथ उसका साथी 23 वर्षीय उपेन्द्र शर्मा भी लकड़ी मिस्त्री का काम करता है।
तीनों दर्रीपारा निवासी मुकेश गोस्वामी के भट्टापारा स्थित नवनिर्मित मकान में दरवाजा बनाने का काम कर रहे थे। इस दौरान एक दरवाजा खराब हो गया, इसे लेकर मुकेश गोस्वामी व मिस्त्रियों के बीच विवाद हो गया। इसके बाद मुकेश गोस्वामी ने तीनों का औजार रखवाकर उन्हें घर से भगा दिया।
कई बार महेन्द्र शर्मा ने मुकेश गोस्वामी से फोन करके औजार की मांग की लेकिन मुकेश हमेशा उसे और उसके पुत्र को गाली-गलौज कर डरा-धमका देता था। मंगलवार की रात इसी बात को लेकर महेन्द्र शर्मा व मुुकेश गोस्वामी के बीच मोबाइल पर ही विवाद हो गया।
इससे नाराज होकर मुकेश गोस्वामी शराब के नशे में मायापुर में महेन्द्र शर्मा के घर पहुंचा। इसके बाद महेंद्र, उसके पुत्र व सहकर्मी को हिसाब-किताब करने की बात कह गाड़ी में बंधक बनाकर भट्टापारा ले गया। यहां नवनिर्मित मकान में तीनों की लाठी से जमकर पिटाई की।
इसके बाद बांधकर उन्हें लखनपुर के ग्राम टपरकेला ले गया, जहां पहले अपने साथी सियाराम के साथ बैठकर शराब पी। इसके बाद सियाराम व मुकेश ने तीनों को बंधक बनाकर लाठी से पीठ, पैर व गले पर दोबारा जमकर मारपीट की।
अधमरा हालत में छोड़ा पिटाई से तीनों अधमरे हो गए। इस दौरान वृद्ध महेन्द्र शर्मा की स्थिति काफी खराब होने पर उसे अस्पताल ले जाने की बात कर लखनपुर के ग्राम टपरकेला से लाकर भट्टापारा में छोड़ दिया। तीनों किसी तरह पैदल भट्टापारा से मायापुर घर पहुंचे, लेकिन घर पहुंचते ही महेन्द्र शर्मा की मौत हो गई।
खबर फैलते ही शहर के अधिकांश लकड़ी मिस्त्री वहां एकत्रित हो गए और कोतवाली पहुंच एफआईआर दर्ज करने की मांग करने लगे। दोनों आरोपी गिरफ्तार पुलिस ने मामले में धारा 302, 307, 364 के तहत जुर्म दर्ज कर मुख्य आरोपी मुकेश गोस्वामी को सुबह 5.30 बजे अंबिकापुर स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। वहीं लखनपुर पुलिस ने एसपी के निर्देश पर दूसरे आरोपी सियाराम को भी गिरफ्तार कर लिया।
एसपी व सीएसपी ने घर पहुंच शव का कराया पंचनामा एसपी सदानंद कुमार व सीएसपी आरएन यादव मृतक महेन्द्र शर्मा के मायापुर स्थित घर पर बुधवार की सुबह ९.३० बजे पहुंचे। यहां उन्होंने परिवार वालों के सामने शव का पंचनामा कराया।
एसपी ने देखा कि मृतक की पीठ पर डंडे से जमकर पिटाई की गई है। इससे उसके कमर से लेकर गर्दन तक काफी चोट के निशान बने थे। पंचनामा तैयार करने के बाद पुलिस ने शव को पीएम कराने के लिए रवाना कर दिया।
पुलिस को पुत्र ने बताई ये बातें मृतक के पुत्र विक्की शर्मा ने पुलिस को बताया कि काम दिलाने वाले अजीत सिंह घटना दिवस को मुकेश गोस्वामी की कार लेकर आया था। उसने कहा था कि मुकेश गोस्वामी से चलकर माफी मांग लो। इसके बाद वह पिता महेन्द्र शर्मा को कार में बैठाकर खरसिया चौक ले गया।
2 घंटे तक जब उसके पिता महेन्द्र शर्मा वापस नहीं लौटे तो वह और उनके साथ काम करने वाला उपेन्द्र शर्मा उसके ढूंढने निकले। खरसिया चौक पहुंचकर पता किया, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। फोन पर जब अपने पिता के बारे में पूछा तो उसे भी मुकेश गोस्वामी ने भट्टापारा बुलाया। भट्टापारा में पहुंचकर जब वहां का नजारा देखा तो सभी के होश उड़ गए।
बांधकर कर रहा था पिटाई मृतक का पुत्र जब मुकेश गोस्वामी के भट्टापारा स्थित फार्म हाउस पहुंचा तो उनके साथ वहां मौजूद कर्मचारी ने मारपीट शुरू कर दी। जब वह कमरे में पहुंचा तो मुकेश गोस्वामी उसके पिता महेन्द्र शर्मा के कपड़े उतारकर हाथ-पैर बांधने के बाद लटका कर लाठी से पिटाई कर रहा था।
इसके बाद उसने तीनों को गाड़ी के डिक्की में आंखों में पट्टी बांधकर मवेशी की तरह डाल दिया, जहां से उन्हें लखनपुर अपने फार्म हाउस ले गया। यहां उसने अपने साथी के साथ मिलकर उनकी जमकर पिटाई की, जब मन भर गया तो उन्हें लाकर भट्टापारा में फेेक दिया। उसके पिता की मौत भट्टापारा में ही हो गई थी।
इसके पूर्व भी कर चुका है बड़े अपराध इसके पूर्व भी मुकेश गोस्वामी शहर के बहुचर्चित मामले नेपाल लॉज के मालिक भूपत सिंह के हत्या की मामले में फंस चुका था। इस मामले में पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने की वजह से न्यायालय द्वारा दोषमुक्त कर दिया था।
इसके साथ ही दीक्षा होटल में वेटर का काम करने वाले एक कर्मचारी के साथ भी जमकर पिटाई व पैर में गोली मारने के मामले में धारा 307 का आरोपी है। जो न्यायालय में विचाराधीन है।
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