कलक्टर संजीव कुमार झा ने जिले के सभी निजी व शासकीय अस्पतालों (All hospitals) को इस संबंध में आदेश जारी किया है। ऐसा करने वाला सरगुजा प्रदेश का पहला जिला बन गया है।
अंबिकापुर में मिला सिर्फ 1 कोरोना पॉजिटिव जबकि 17 हुए डिस्चार्ज, सूरजपुर में डॉक्टर के पॉजिटिव मिलने से हडक़ंप
गौरतलब है कि कोरोना मरीजों (Covid-19) का शासकीय और निजी अस्पतालों में उपचार जारी है। अगर कोरोना मरीज निजी अस्पताल में इलाज कराते हैं और इन्हें आर्थिक स्थिति से निपटना पड़ता है। उन्हें इलाज के बाद प्रतिदिन के हिसाब से भारी-भरकम राशि चुकानी पड़ती है।
कई लोग इलाज की राशि का वहन करने में सक्षम नहीं होते हैं ऐसे में वे शासकीय अस्पताल की ओर ही रुख करते हैं। इसे देखते हुए कलक्टर संजीव कुमार झा ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
कलक्टर (Surguja Collector) ने जिले के सभी निजी व शासकीय अस्पतालों को आदेश जारी किया है कि कोरोना मरीजों का अब आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क इलाज किया जाएगा, जो एक बड़ी राहत देने वाली बात है। आयुष्मान योजना के तहत कोरोना मरीजों का नि:शुल्क इलाज के मामले में सरगुजा प्रदेश का पहला जिला है।
कोरोना पॉजिटिवों का इलाज करते डॉ. अशोक भी हो गए थे संक्रमित, संपर्क में आकर पत्नी व मासूम बेटी भी पॉजिटिव, फिर ड्यूटी पर
2 दिन पहले ये आदेश हुआ था जारी2 दिन पहले निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए शासन द्वारा पैकेज निर्धारित किया गया था। निर्धारित पैकेज दर अनुसार डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना एवं आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अन्तर्गत ऑक्सीजन के साथ हाई डिपेंडेंसी यूनिट के निजी अस्पताल में इलाज के लिए 5 हजार 500 रुपए प्रतिदिन, वेंटिलेटर के साथ आईसीयू हेतु 9 हजार प्रतिदिन तथा बिना वेंटीलेटर के साथ आईसीयू हेतु 7000 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किया गया था।
इसी प्रकार बिना योजना वाले निजी चिकित्सालयों के लिए एनएबीएच संबद्ध अस्पताल बिना आईसीयू हेतु 4 हजार रुपए प्रतिदिन, वेंटिलेटर के साथ आईसीयू हेतु 11 हजार प्रतिदिन तथा बिना वेंटीलेटर के साथ आईसीयू हेतु 8 हजार 500 रुपए प्रतिदिन तथा एनएबीएच असंबद्ध अस्पतालों में इलाज हेतु बिना आईसीयू के 4 हजार रुपए प्रतिदिन, वेंटिलेटर के साथ आईसीयू के लिए 11 हजार रुपए प्रतिदिन तथा बिना वेंटीलेटर के साथ आईसीयू हेतु 7 हजार 500 रुपये प्रतिदिन दर निर्धारित की गई है।
इसमें कोविड-19 टेस्ंिटग, महंगे दवाई और सीटी स्कैन एवं एमआरआई शुल्क शामिल नहीं है। पत्र में कहा गया था कि छत्तीसगढ़ राज्य के निजी चिकित्सालयों में नॉन स्कीम अन्तर्गत कोविड-19 संक्रमितों के इलाज में होने वाले व्यय का वहन मरीज के द्वारा स्वयं ही किया जाएगा।
डेड बॉडी स्टोरेज एवं कैरिज हेतु अधिकतम 2 हजार 500 रुपए ही लिए जा सकेंगे। योजना से पंजीकृत निजी अस्पतालों के द्वारा अन्य सभी प्रकार की शुल्क योजना अन्तर्गत निर्धारित दरों पर ही लिए जाएंगे।