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अंबिकापुर

हाल-ए-बनारस मार्ग: नई सडक़ है कि टिकती नहीं, अधिकारियों को ये सब दिखता नहीं

Ambikapur-Banaras road: अंबिकापुर-बनारस मार्ग बनते ही जगह-जगह उखड़ी, पीजी कॉलेज के पास से लेकर टीसीपीसी तक आधा किलोमीटर दूरी में ही सडक़ पर कई जगह हो गए हैं गड्ढे, एसएस इंफ्राबिल्ड को मिला है इस पैच का काम, दोपहिया वाहन चालकों की बढ़ी मुसीबत

अंबिकापुरMar 05, 2023 / 05:38 pm

rampravesh vishwakarma

Ambikapur-Banaras road

Pits in Banaras road

अंबिकापुर. Ambikapur-Banaras road: अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर लापरवाहियों का दौर खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस सडक़ के किलोमीटर 1 से 3, 14 से 18 और 36 से 38/4 को बनाने का काम बौरीपारा के एसएस इंफ्राबिल्ड को मिला है। 10.40 किलोमीटर लंबाई की इस सडक़ में पीजी कॉलेज के पीछे का हिस्सा भी है। ये सडक़ बीते करीब 3 महीने में 2 बार बनाई जा चुकी है और एक बार फिर जगह-जगह उखड़ गई है। नई सडक़ से पुरानी सडक़ दिखने लगी है। ऐसे में वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को अचानक गड्ढा दिखाई नहीं देता और उन्हें तेज झटका लगता है। इस मार्ग से अधिकारी भी गुजरते हैं लेकिन उन्हें ये सब दिखाई नहीं देता।

गौरतलब है कि अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर एसएस इंफ्राबिल्ड इन दिनों 14 से 18 वें किलोमीटर के बीच सडक़ बना रहा है। 1 से 3 किलोमीटर के काम के आधार पर रनिंग बिल भी अफसरों ने दे दिया है। लेकिन इसी पैच में जगह-जगह सडक़ उखड़ गई है। ठेका कंपनी इसके लिए डीपीआर को दोष देती है।
वहीं विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ये अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत का नतीजा है। डामर एवं अन्य मटेरियल्स की मिक्सिंग और उसे बिछाने के दौरान की जाने वाली लापरवाही से सडक़ के उखडऩे के चांसेस बढ़ जाते हैं। अमूमन टायरिंग के बाद इतनी जल्दी कोई सडक़ बार-बार नहीं उखड़ती।
हाल-ए-बनारस मार्ग: नई सडक़ है कि टिकती नहीं, अधिकारियों को ये सब दिखता नहीं
कॉलेज के पीछे रोड पर हादसों का डर
पीजी कॉलेज के पिछले हिस्से (बनारस मार्ग) में हादसों का खतरा भी बढ़ गया है। कॉलेज के पीछे कई जगहों पर सडक़ के उखड़ जाने से आवागमन प्रभावित हो रहा है। कॉलेज के अलावा इस सडक़ पर कई निजी स्कूलों और दफ्तरों के अफसर भी रोजाना आना-जाना करते हैं। गड्ढों की वजह से आए दिन छोटे हादसों की खबर मिलती रहती है।

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गड्ढों में भरी गई थी पीली मिट्टी
किलोमीटर 1 से 3 के आसपास दर्जनों स्ट्रीट वेंडर्स हैं। पत्रिका की टीम ने इनसे बातचीत की। इनमें से नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ वेंडर्स ने बताया कि डाइट के गेट से आगे भी एक जगह पर सडक़ कुछ दिन पहले उखड़ गई थी। इसे ठेका कंपनी के लोगों ने पीली मिट्टी/मुरुम से भर दिया था। अब ये फिर से उखड़ गई है।

जो पूछना है साइट पर आकर पूछिए
मैं आपको कुछ नहीं बता सकती। आपको जो बात करनी है ऑफिस जाकर मेरे अफसरों से कीजिये। मैं साइट पर हूं। आपको जो पूछना है यहां आकर पूछ लीजिए।
संगीता जायसवाल, सब-इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी

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