मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि सूरजपुर निवासी निशा अग्रवाल अपने मायके अंबिकापुर आई थी। 15 जनवरी की शाम उसने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह अपनी भतीजी के साथ पुराना बस स्टैंड के पास काम से गई थी। इसी दौरान 2 युवक उनके पास आए और पतंजलि स्टोर का पता पूछने लगे।
जानकारी नहीं होने की बात कहकर वह आगे बढ़ी ही थी कि दोनों ने उसे रोक लिया और घर में बड़ी अनहोनी होने की बात कहकर पूजा-पाठ कर समस्या से निजात दिलाने का भरोसा दिलाया। दोनों के कहने के अनुसार उसने अपने पहने हुए सोने के जेवरात एवं नगद 1200 रुपए निकालकर भतीजी को दिया।
इसी बीच दोनों ने कहा कि बिना पीछे देखे वह आगे चलते जाए। जब वह जाने लगी तो वे उसकी भतीजी से सोने के जेवरात एवं नगद रकम लेकर अपने अन्य 2 साथियों के साथ बाइक पर बैठकर फरार हो गए। रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 420, 34, 417 के तहत अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरु की थी।
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मेरठ से 4 आरोपी गिरफ्तारआईजी के मार्गदर्शन व एसपी के निर्देश पर कोतवाली प्रभारी रुपेश नारंग द्वारा आरोपियों को पकडऩे जांच शुरु की गई। इसी बीच यह पता चला कि मनेंद्रगढ़ में भी ऐसे ही वारदात को अंजाम दिया गया है। इसके बाद पुलिस ने नई तकनीक के माध्यम से छानबीच की तथा सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
इस दौरान आरोपियों का सुराग मिला। इसके बाद पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मेरठ से आरोपी सादिक, जाफर, अकिल व दिवाकर को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने दोनों ही मामले में ठगी की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया। पुलिस ने उनके पास से घटना में प्रयुक्त दुपहिया वाहन, 4 नग मोबाइल व 75 ग्राम सोना बरामद किया है।
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कार्रवाई में ये रहे शामिलकार्रवाई में अंबिकापुर कोतवाली प्रभारी उप निरीक्षक रूपेश नारंग, उप निरीक्षक डाकेश्वर सिंह, सहायक उप निरीक्षक भूपेश सिंह, विवेक पाण्डेय, प्र. आरक्षक भोजराज पासवान, आरक्षक सतेन्द्र दुबे, बृजेश राय, अशोक यादव, अमित विश्वकर्मा, कुंदन सिंह, मुकेश चौधरी, गणेश कदम, शिव राजवाडे एवं साइबर सेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसके अलावा मनेन्द्रगढ़ पुलिस टीम से निरीक्षक सचिन सिंह, सहायक उप निरीक्षक विनय तिवारी, प्रधान आरक्षक इस्तेयाक, आरक्षक शंभू यादव व पुस्कल सिन्हा शामिल रहे।