अलवर नगर विकास न्यास अलवर की शालीमार आवासीय योजना के धरातल पर आने की रफ्तार एक बार फिर रुक गई है। किसानों की जमीन अवाप्त की प्रक्रिया तो पूरी हो गई लेकिन अभी तक किसानों को विकसित जमीन के आवंटन पत्र जारी नहीं हुए हैं। इस बीच भू-माफिया यूआईटी के अधिकारियों से मेल-मिलाप कर किसानों की जमीन को सस्ते भावों में खरीद रहा है, ताकि आगे विकसित जमीन को मनमर्जी के दामों में बेच सके। इस जालसाजी को न किसान समझ रहा न आमजन। इस कारण शालीमार योजना को धरातल पर लाने में ढिलाई हो रही है। यह चलती रही तो केवल भू-माफिया ही पनपेगा।
एक साल से कह रहे फसल कटते ही सड़क डालेंगे टेल्को चौराहे पर पिछले करीब एक साल से यूआईटी के अधिकारी एक ही बात दोहराते आ रहे हैं कि फसल कटते ही सड़क डालने का कार्य शुरू हो जाएगा। इसके बाद दो फसलों की बुआई होकर कटाई हो गई। अभी तक सड़क डालने का कार्य शुरू नहीं हो सका है। जबकि अवाप्ति की प्रक्रिया पूरी हुए कई महीने हो चुके हैं। इस बीच किसानों से भू-माफिया को सस्ते दामों में जमीन खरीदने का पूरा मौका मिल गया। यदि किसानों को तुरंत आवंटन पत्र देकर विकसित जतमीन के पट्टे दिए जाएंगे तो उसका अधिक लाभ किसान की झोली में जाएगा।
विज्ञान नगर में डाली जा रही सड़क इसके सामने ही विज्ञान नगर आवासीय योजना है। जिसमें सड़क डालने का कार्य चल रहा है। किसानों को आवंटन पत्र भी दिए जा चुके हैं। पट्टे भी दिए जा रहे हैं। दोनों योजना एक साथ शुरू हुई। पूरी प्रक्रिया साथ चली। फिर शालीमार को छोड़कर केवल एक ही योजना पर विकास का कार्य चल रहा है।
करीब 600 बीघा की योजना ये दोनों आवासीय योजना करीब 600 बीघा जमीन पर हैं। किसानों के मुआवजा के अवार्ड स्वीकृत हुए एक साल से अधिक समय हो गया। जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया लम्बी चलने से किसानों को दस साल से इन्तजार है और आम आदमी को सरकारी आवासीय योजना में 15 सालों से भूखण्ड की उम्मीद है।
शालीमार आवासीय योजना में भी आवंटन पत्र देने शुरू कर दिए हैं। आवंटन पत्र जारी होने के बाद किसानों को आवश्यक दस्तावेज जमा कराने होंगे। फिर जल्दी पट्टे देंगे। फसल कटते ही यहां सड़क डालने का कार्य शुरू हो जाएगा।
-कान्हाराम, सचिव, यूआईटी अलवर
-कान्हाराम, सचिव, यूआईटी अलवर