Alwar : एनसीआर के सबसे बड़ेचिडि़याघर के लिए सरकार ने 35 हेक्टेयर जमीन दे दी है। इसी के साथ अब 93 हेक्टेयर जमीन वन विभाग के पास आ गई। विभाग ने चारदीवारी का कार्य शुरू करवा दिया है। यह दीवार 9 फीट ऊंची होगी। साथ ही सुरक्षा के लिए ऊपर तार भी लगाए जाने की योजना है ताकि अंदर कोई भी व्यक्ति प्रवेश न कर पाए।
शहर के कटीघाटी एरिया में वन विभाग के पास 58 हेक्टेयर जमीन थी, लेकिन यह जमीन चिडि़याघर के लिए कम पड़ रही थी। इसी को देखते हुए कटीघाटी से जयसमंद तक 35 हेक्टेयर जमीन सिवायचक लेने का निर्णय किया। प्रशासन के जरिए सरकार को प्रस्ताव भिजवाया। सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वन विभाग जानवरों के लिए एनक्लोजर इसी सिवायचक जमीन पर बनाने का निर्णय लिया है। यह जमीन समतल है।
तैयार हो रहा डिजाइन चिडि़याघर की चारदीवारी का कार्य शुरू हो गया है। अब आंतरिक डिजाइन तैयार हो रहा है। साथ ही डीपीआर भी विभाग बना रहा है। पहले चरण में 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रदेश सरकार के जरिए यह डीपीआर केंद्र सरकार मंजूर करेगी।
चिडि़याघर के जरिए अलवर बढ़ेगा आगे सरिस्का टाइगर रिजर्व एनसीआर में पर्यटकों के घूमनेे के लिए बड़ा केंद्र है। इसके जरिए सरकार हर साल करीब 550 करोड़ रुपए कमाती है। अब चिडि़याघर बनेगा तो इतनी ही आय और सरकार को होगी। अलवर में भी पूंजी आएगी, जिससे अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। रोजगार के रास्ते खुलेंगे। एक ही रास्ते पर तीन पर्यटन केंद्र हो जाएंगे। पहले सरिस्का, फिर चिडि़याघर और उसके बाद भानगढ़ का किला। एक साथ पर्यटक तीनों जगहों का भ्रमण कर सकेंगे। हर साल 25 लाख से ज्यादा पर्यटकों के आने की संभावना है। चिडि़याघर में 150 से ज्यादा प्रजातियों के जानवर होंगे।
ये हैं बड़े चिडि़याघर – चेन्नई का अरिग्नार अन्ना प्राणी उद्यान दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे बड़ेचिड़ियाघरों में से एक है, जो 1490 एकड़ में बना हुआ है। इसमें 172 प्रजातियों के 2300 से अधिक जंगली जानवर हैं। यहां प्रतिवर्ष 2 मिलियन पर्यटक आते हैं।
– राष्ट्रीय जन्तुविज्ञानिक पार्क दिल्ली 71 हेक्टेयर में बना हुआ है। यहां 90 से ज्यादा जानवरों की प्रजातियां हैं। प्रतिवर्ष 20 लाख से ज्यादा लोग घूमने जाते हैं। – नाहरगढ़ वन सेंचुरी जयपुर में बने जू का आकार करीब 40 हेक्टेयर है। यहां जानवरों की 60 से ज्यादा प्रजातियां हैं।
35 हेक्टेयर जमीन के प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसी के साथ चारदीवारी का कार्य शुरू करवा दिया गया है। डीपीआर भी लगभग तैयार है। जल्द ही इसे सरकार के पास भेजा जाएगा।
– राजेंद्र कुमार हुड्डा, डीएफओ अलवर