एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर भारी भरकम एंगल की सुरक्षा दीवार बनाकर सड़क पर किसी भी प्रकार के जानवर या मवेशी नहीं आने का दावा किया जा रहा है, फिर भी मवेशी स्वछंद विचरण करते नजर आ रहे हैं।
जानवरों के रास्तों को बंद किया जाना आवश्यक
एक्सप्रेस वे पर वाहनों का पार्किंग जोन नहीं होने के दावे भी फेल हो रहे हैं। सड़क पर साइड में ट्रकों की लम्बी कतार लगी देखी जा सकती है। इससे खोखले दावे साबित हो रहे हैं। इन दिनों कोहरे के बीच रेंगते वाहन चालकों के लिए परेशानी बनी हुई है। गोवंश का स्वछंद विचरण भी इनके लिए चुनौती बन रहा है। एक्सप्रेस-वे पर विचरण करते मवेशी कोहरे के बीच दौड़ने वाले वाहनों के सामने आने से घटना हो जाती है। ऐसे में एक्सप्रेस वे पर आने वाले जानवरों के रास्तों को बंद किया जाना आवश्यक है। इससे एक्सप्रेस-वे पर हादसों की कमी आएगी।
एनएच 921 के महुआ-मण्डावर से राजगढ़ बाइपास तक फोरलेन का एलाइनमेंट जारी, 49.16 किलोमीटर लम्बा बनेगा हाईवे
महुवा एनएच 21 जंक्शन से प्रारम्भ होकर राजगढ़ बाइपास तक बनने वाले एनएच 921 के लिए परियोजना की पृष्ठभूमि में दर्शाए गए विकल्पों के एजेंडे पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एलाइनमेंट जारी कर दिया है। परियोजना में बताया गया है कि महुवा के एनएच 21 के जंक्शन से प्रारम्भ होकर पिनान दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेस-वे को कनेक्ट करता हुआ राजगढ़ बाइपास पर समाप्त होगा, जो कि एनएच दौसा व अलवर से होकर गुजरता है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग की घोषणा दिसंबर 2017 में की गई थी और दिसंबर 2019 में राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग को सौंप दिया था।
कार्यवृत्त अवलोकन व बिन्दुसार संरेखण व विकल्पों की जांच के बाद महुवा जयपुर बाइपास के एलएचएस (लेफ्ट हैंड साइड) और महुवा शहर के करीब से कनेक्टिविटी कर मण्डावर बाइपास व आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) तथा गढ़ीसवाईराम में दो पहाड़ियों के बीच स्थित भूमि पार्सल से बाइपास तथा माचाड़ी में पुन संरेखण पर सहमति दी गई है।