script54 हजार हेक्टेयर जमीन के जरिए जीती पहली जंग, अब सरिस्का, नाहरगढ़ सेंचुरी अतिक्रमण मुक्त चाहते | Patrika News
अलवर

54 हजार हेक्टेयर जमीन के जरिए जीती पहली जंग, अब सरिस्का, नाहरगढ़ सेंचुरी अतिक्रमण मुक्त चाहते

सरिस्का टाइगर रिजर्व हो या फिर नाहरगढ़ सेंचुरी जयपुर। इनकी जमीनों पर होटल, रिसॉर्ट खड़े हो गए। यह एक दिन में नहीं हुए। इसको बाकायदा वन विभाग के अफसरों ने ही संरक्षण देकर खड़ा करवाया। प्रशासन की भी पूरी मिलीभगत रही। सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेश के अनुसार इन होटल, रिसॉर्ट का संचालन बंद करवाएंगे।

अलवरJan 20, 2025 / 04:17 pm

susheel kumar

– एनजीटी में याचिका दायर करने वाले नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा समिति अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी से की पत्रिका ने बातचीत

Alwar : सरिस्का टाइगर रिजर्व हो या फिर नाहरगढ़ सेंचुरी जयपुर। इनकी जमीनों पर होटल, रिसॉर्ट खड़े हो गए। यह एक दिन में नहीं हुए। इसको बाकायदा वन विभाग के अफसरों ने ही संरक्षण देकर खड़ा करवाया। प्रशासन की भी पूरी मिलीभगत रही। सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेश के अनुसार इन होटल, रिसॉर्ट का संचालन बंद करवाएंगे। यह अतिक्रमण हैं। 54 हजार हेक्टेयर जमीन सरिस्का के नाम करवाकर पहली जंग जीती। अब सरकार को अवैध वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद करवाना होगा। यह कहना है एनजीटी में सरिस्का को लेकर याचिका दायर करने वाले नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा समिति के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी का। उन्होंने पत्रिका से बातचीत की। पेश हैं कुछ अंश-

Q : सरिस्का सीटीएच का नोटिफिकेशन वर्ष 2007-08 में हो गया था, बावजूद इसके जमीन वन विभाग को क्यों नहीं मिल पा रही थी?

A : सरकार को इसमें लाभ नजर नहीं आ रहा था। वोटों की खातिर सरकार ने कदम नहीं बढ़ाए। बिना सरकार के प्रशासन व वन विभाग नहीं चलता। ऐसे में 18 साल तक जमीन राजस्व के नाम रही। अब यह सरिस्का के वन्यजीवों को मिल गई है। वन्यजीव खुलकर सांस ले सकेंगे।

Q : सरिस्का व नाहरगढ़ सेंचुरी की जमीन पर अफसरों के होटल भी बने हैं। क्या सरकार कार्रवाई इसलिए नहीं कर रही है?

A : अफसरों के ही नहीं, नेताओं के भी होटल, रिसॉर्ट हैं। सरिस्का के चारों ओर एक दर्जन से ज्यादा रिटायर्ड व ड्यूटी कर रहे आईएफएस अधिकारियों के होटल हैं। कुछ आईएएस, आरएएस ने भी पैसे लगे हैं। इसी कारण कार्रवाई आगे नहीं बढ़ रही। सरकार ने अब तक जांच कराना उचित नहीं समझा। हम दोषी अफसरों पर भी कार्रवाई करवाएंगे।

Q : आपको लगता है कि सरिस्का व नाहरगढ़ सेंचुरी में अवैध वाणिज्यिक गतिविधियां बंद होंगी?

A : सुप्रीम कोर्ट से लेकर एनजीटी ने आर्डर कर दिए हैं। सरकार को पालन करवाना होगा। अन्यथा फिर से हम कोर्ट पहुंचेंगे। पीछे हटने वाले नहीं हैं। हमारे पास प्रलोभन भी आते हैं। डराने वाली िस्थति भी होती है, लेकिन हमारा लक्ष्य साफ है, सेंचुरी को बचाना।

Q : सिलीसेढ़, अजबगढ़ एरिया सरिस्का बफर का है। टहला सीटीएच में भी कई होटल बने हैं? इन पर कार्रवाई के लिए एनजीटी ने क्या आदेश दिए हैं?

A : सेंचुरी के कोर, बफर एरिया में एक भी कॉमर्शियल प्रतिष्ठान नहीं चल सकता। सीटीएच से एक किमी के दायरे में भी प्रतिष्ठान बंद करने होंगे। कोर्ट के आदेश जल्द लागू होते दिखेंगे।

Q : आपका अगला कदम क्या है?

A : 54 हजार हेक्टेयर जमीन सरिस्का के नाम करवा दी है। अब अतिक्रमण सेंचुरी से बाहर करवाना है। जयपुर में कुछ फाइव स्टार होटल गिराने के आदेश हो गए। अफसरों पर दबाव बनाकर कार्रवाई करवाएंगे। सरिस्का, नाहरगढ़ व कोटा वन्यजीव क्षेत्र बचाना है।

Hindi News / Alwar / 54 हजार हेक्टेयर जमीन के जरिए जीती पहली जंग, अब सरिस्का, नाहरगढ़ सेंचुरी अतिक्रमण मुक्त चाहते

ट्रेंडिंग वीडियो