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अलवर

जलदाय विभाग की पेयजल लाइन जर्जर, नलों में आ रहा नालियों का गंदा पानी, पांच दशक पुरानी लाइनों से चला रहे काम

बदबूदार पानी पीने को मजबूर लोग, नियमित नहीं हो रही जल सप्लाई। जल जीवन मिशन योजना में करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद नहीं सुधरे हालात

अलवरJan 16, 2025 / 07:41 pm

Ramkaran Katariya

अलावड़ा (अलवर). कस्बे में जलदाय विभाग की जर्जर पाइप लाइन के टूट जाने से लोगों के घरों में गंदा दूषित पानी पहुंच रहा है। ग्रामीण इस गंदले पानी को ही पीने को मजबूर है।

लोगों ने बताया कि जल जीवन मिशन योजना में करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद कस्बा अलावडा़ में पांच दशक पुरानी जर्जर पाइप लाइनों से ही पेयजल सप्लाई तीन दिन के अंतराल में की जा रही है। प्रजापत मोहल्ले के अंतिम छोर पर इन पाइप लाइन से गंदा पानी पहुंच रहा है। आरोप है कि अलावड़ा में केवल एक कर्मचारी होने के कारण न तो नियमित सप्लाई हो पा रही है और न ही गंदे पानी की सप्लाई पर ध्यान दिया जा रहा है।
सबसे बड़ी ग्राम पंचायत

रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी ग्राम पंचायत अलावड़ा है। जिसकी आबादी दस हजार से अधिक है। यहां पेयजल आपूर्ति के लिए लगभग 46 वर्ष पूर्व पाइप लाइनें डाली गई थी। उस समय पूरे कस्बे में मुश्किल से दो सौ या ढाई सौ कनेक्शन थे। उस वक्त कस्बे की पेयजल सप्लाई के लिए बनाई गई टंकी का दस वर्ष पूर्व अस्तित्व ही समाप्त हो गया। राज्य सरकार की ओर से कस्बे की पेयजल आपूर्ति के लिए करोड़ों रुपए की राशि से अनेक बोरिंग कराए गए और एक टंकी विद्युत घर के समीप भी बनवाई गई थी, लेकिन कनेक्शन बढ़ जाने के कारण कस्बे में नियमित जलापूर्ति नहीं हो रही।
आठ जोन में बांटने क बाद भी व्यवस्था सही नहीं

करीब 15 वर्ष पूर्व क़स्बे को आठ जोन में बांट एक दिन में दो ही जोन में सप्लाई व्यवस्था की गई। उसमें भी मोटर फुंक जाने या पाइप लाइन टूट जाने पर अनेकों बार एक-एक माह तक आपूर्ति बाधित रही। गत वर्ष जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत एक नई टंकी, तीन बोरिंग और लगवाए गए। अब कुल मिलाकर कस्बे की पेयजल आपूर्ति के लिए छह बोरिंग चालू होने के बावजूद तीन दिन या चार दिन में एक दिन पेयजल सप्लाई दी जा रही है, जबकि एक बोरिंग 24 घंटे विद्युत सप्लाई से संचालित है। दूसरी तरफ जल जीवन मिशन योजना में करोड़ों रुपए स्वीकृत होने के बावजूद कस्बे के अंदर डाली गई पुरानी पाइप लाइन को न तो बदला और न ही व्यवस्था में कोई बदलाव किया, जबकि प्रत्येक जोन की एक-एक पाइप लाइन में सैंकड़ों कनेक्शन हो चुके हैं।
अवैध कनेक्शनों की भरमार

नंगली से अलावडा टंकी तक आने वाली राइजिंग लाइन में डेढ दर्जन से अधिक अवैध कनेक्शन वर्षों से हैं। उसके बावजूद विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों ने एक बार भी फर्जी कनेक्शनों पर ध्यान नहीं दिया और न ही ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई की। इसका खामियाजा प्रत्येक जोन के अंतिम छोर पर रहने वाले उपभोक्ताओं को हो रहा है, जो कि समय पर अपना बिल भी जमा करा रहे हैं। तीन दिन में एक दिन पेयजल सप्लाई दिए जाने के बावजूद उनके नलों तक पानी ही नहीं पहुंच पाता। यदि पहुंचता भी हैं तो बदबूदार गंदा पानी पहुंचता है।
चार दिन में एक दिन दिया जाता है पानी

प्रजापत मोहल्ले के ग्रामीणों ने बताया कि उनके मोहल्ले में चार दिन में एक दिन पानी दिया जाता है। उसमें कभी पांच मिनट तो कभी बीस मिनट पानी आता है। जिस दिन पांच मिनट पानी आता है, उस दिन सप्लाई में गंदा पानी पहुंचता। इस बारे में कर्मचारी गिर्राज से बात करने पर बताया कि वह अकेला 24 घंटे तो ड्यूटी नहीं दे सकता। एक ही कर्मचारी है। नए कनेक्शन करना, मोटरें चलाना, गेट वाॅल बदलने आदि बहुत काम होते हैं। विभाग कर्मचारी तो लगाता नहीं, 24 घंटे काम हो नहीं सकता।
शीघ्र कार्रवाई की जाएगी

अलावडा में एक ही कर्मचारी है। हम अपनी मर्जी से लगा नहीं सकते। संविदा पर लगाने के लिए भी हमने विभाग को पत्र भेज रखा है। अवैध कनेक्शनों पर अति शीघ्र ही टीम गठित कर कार्रवाई की जाएगी। गंदा पानी आने के बारे में कनिष्ठ अभियंता से चैक करवाएंगे।
बच्चन सिंह मीणा, सहायक अभियंता जलदाय विभाग।

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