पुलिस ने 16 दिन में पेश किया था चालान
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद घटना के 6 दिन बाद 2 मई को थाने में थानागाजी थाने में मामला दर्ज हुआ था। वहीं, मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने 16 दिन में चालान पेश किया था। पुलिस ने एससी-एसटी न्यायालय में पांच लोगों के खिलाफ चालान पेश किया था, लेकिन पांचवें आरोपी की उम्र 18 साल से कम होने के कारण उसकी सुनवाई अलग से हुई थी।कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहुंचे थे थानागाजी
घटना के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल बन गया था। सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं। तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने आनन-फानन में पीड़िता को पुलिस विभाग में कांस्टेबल की नौकरी देने की घोषणा की थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पीड़िता से मिलने पहुंचे थे। इसके अलावा भी देशभर के राजनेता, मंत्री व मीडिया का जमावड़ा थानागाजी में लगा रहा था।31 लोगों की गवाही
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 31 गवाह पेश किए गए। इसके अलावा दस्तावेजी साक्ष्य प्रदर्शित किए गए। इस दौरान कई दिनों चली बचाव और अभियोजन पक्ष की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने चार आरोपियों को पूर्व में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अब पांचवें आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।पांचवें आरोपी को बालिग होने पर आजीवन कारावास
न्यायालय ने 6 अक्टूबर 2020 को गैंगरेप के 4 दोषियों इंद्राज, अशोक, छोटेलाल और हंसराज को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 11 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया था। वीडियो वायरल करने के दोषी मुकेश को 5 साल की सजा सुनाई थी। अब पांचवें आरोपी को बालिग होने पर आजीवन कारावास की सजा और अर्थदंड से दंडित किया गया है।– योगेन्द्र सिंह खटाणा, विशिष्ट लोक अभियोजक