बंदर और अन्य जानवर भी कर रहे जख्मी
लावारिस श्वानों के अलावा बंदर सहित अन्य जानवर भी लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। पिछले साल बंदर काटने के 406 मामले सामने आए। इसमें 215 पुरुष और 191 महिला शामिल हैं। इसके अलावा कैट बाइट के 246 और अन्य जानवरों के हमले में 121 लोग घायल हुए। इसमें कैट बाइट के केस में 156 पुरुष एवं 90 महिला और अन्य जानवरों के हमलों में 76 पुरुष व 45 महिलाएं शिकार हुई।
श्वान और बंदरों का आतंक यहां ज्यादा
वैसे तो पूरे शहर में ही लावारिस श्वान समूह में घूमते देखे जा सकते हैं, लेकिन रेलवे स्टेशन व काली मोरी क्षेत्र और ईटाराना पुलिया से शांति-कुंज जाने वाले रोड पर रात्रि के समय श्वानों का जमावड़ा लगा रहता है। इसके अलावा शांति-कुंज कॉलोनी, बस स्टैंड, 200 फीट रोड, पटेल नगर, मन्नाका रोड, पुराना कटला एवं कर्मचारी कॉलोनी में लावारिश श्वानों के समूह लोगों को आतंकित कर रहे हैं। वहीं, शांति-कुंज, पुरानी कचहरी के आसपास, लादिया, होली ऊपर, नई सड़क, सागर के आसपास का क्षेत्र, शिवाजी पार्क और अनाज मंडी में आमजन व व्यापारी बंदरों के आतंक से परेशान हैं।