अलवर शहर में ही डेढ़ दर्जन सौदागर वैसे तो अलवर जिले में दर्जनों लोग स्मैक तस्करी के धंधे में लिप्त हैं और उनके पास हजारों ग्राहक हैं, लेकिन अलवर शहर की ही बात करें तो पुलिस के चिह्निकरण के अनुसार यहां करीब डेढ़ दर्जन तस्कर सक्रिय हैं जो कि युवाओं को स्मैक का नशा उपलब्ध करा रहे हैं। पुलिस के मोटे-मोटे अनुमान के अनुसार अलवर शहर में करीब एक हजार से ज्यादा युवा स्मैक का नशा कर रहे हैं।
जैसा ग्राहक वैसा दाम: अलवर जिले में तस्कर एक ग्राम स्मैक को चार क्वार्टर में कर सिल्वर पेपर में रखते हैं। वैसे तो अमूमन ये क्वार्टर स्मैक ७००-८०० रुपए में बेचते हैं, लेकिन कोई दाम फिक्स नहीं है। तस्करों को जैसा ग्राहक मिलता है उसी के अनुसार स्मैक का दाम वसूल लेते हैं। शुरुआत में ग्राहकों को सस्ता देते हैं, लेकिन जब उन्हें नशे की लत लग जाती है तो फिर उन्हें महंगे दामों में बेचते हैं।
नशे की खातिर अपराध भी कर रहे स्मैक के नशे के आदी ज्यादातर बेरोजगार या फिर पढऩे-लिखने वाले युवा हैं। पहले शौक में युवा स्मैक का नशा करते हैं। लत लगने पर उन्हें रोज स्मैक चाहिए। नशे के लिए पैसे नहीं होने पर युवा अपने घर व बाहर चोरी या लूट जैसे अपराध भी करने से नहीं चूक रहे हैं।
मुण्डावर क्षेत्र है बड़ा अड्डा अलवर जिले में सक्रिय स्मैक के सौदागरों का मुण्डावर क्षेत्र बड़ा अड्डा बन चुका है। दिल्ली, हरियाणा और उत्तरप्रदेश से मुण्डावर क्षेत्र के एक गांव में स्मैक तस्करी कर लाई जाती है। इसके बाद यहां से जिले में सक्रिय तस्कर खरीदकर लाते हैं और फिर लोगों को बेचते हैं।
स्पेशल ऑपरेशन शुरू अलवर जिले में स्मैक के नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ पुलिस की ओर से स्पेशल ऑपरेशन शुरू किया गया है। इसके लिए सभी थानाधिकारियों को टास्क दिए गए हैं। पिछले तीन-चार दिनों में ही अलवर के एनईबी, अरावली विहार और मुण्डावर थाना इलाके में स्मैक तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की गई हैं।
-परिस देशमुख, जिला पुलिस अधीक्षक, अलवर।