इधर ततारपुर सरपंच सहित गणमान्य लोगों ने प्रशासन से बाघ को पकड़वाने की मांग की है। उधर सरिस्का के अधिकारी शंकरसिंह शेखावत ने बताया कि बाघ की शनिवार को अलवर के ततारपुर के आसपास के जंगल में लोकेशन रही । इस जंगल में बाघ ने एक नीलगाय को भी शिकार बनाया है। हमारी कोशिश है कि सरिस्का बफर जोन अब दूर नहीं है। अंतत: बाघ को बफर जोन में जाना ही पड़ेगा। एक्सपर्ट ने बताया कि टाइगर कई दिन से भूखा था। इस कारण उसने रोजडे़ का शिकार किया है।
गौरतलब है कि क्षेत्र में जंगली जानवरों के आने की सूचना अक्सर आम लोगों को मिलती रहती है। लेकिन अब रिहायशी इलाके में बाघ जैसे खतरनाक जानवर के आने से लोगों में डर पैदा हो गया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ के लिए नई जगह की तलाश करना स्वाभाविक है। उन्होंने यह भी माना है कि संभव है कि वह कुछ दिनों बाद अपने जोन में वापस चले जाएं। हालांकि, तब तक वन विभाग की टीम को इसकी निगरानी करते रहना होगा।