अनुभव प्रमाण पत्रों की भी जांच की जा रही है। जिन कर्मियों का पीएफ या टीडीएस कट रहा है, उन्हीं के प्रमाण पत्र संबंधित ठेकेदारों की ओर से बनाकर नगर निगम को पेश करना था। शहर में भी बड़ी संख्या में अनुभव प्रमाण पत्र बनाए गए। इन्हीं में कई प्रमाण पत्र फर्जी हैं। नगर निगम के पास मामला पहुंचा तो निगम भी मान रहा है कि कमिश्नर से लेकर अन्य मुहर व हस्ताक्षर फर्जी हैं। हालांकि गहनता से जांच के बाद ही मामला खुलेगा।
इनके जारी हुए फर्जी सर्टिफिकेट
फिरोजपुर जागीर की एक महिला का प्रमाण पत्र एक सफाई संवेदक की ओर से जारी किए गए है। संबंधित संवेदक की मुहर भी लगी है। महिला का सफाई कार्य में अनुभव एक वर्ष 3 माह दिखाया गया है। सफाई निरीक्षक से लेकर आयुक्त के हस्ताक्षर व मुहर हैं। इनको निगम फर्जी मान रहा है। हालांकि जांच होना बाकी है। दौसा जिले के हरलाल की ढाणी के एक व्यक्ति का सफाई अनुभव प्रमाण पत्र उसी फर्म की ओर से बनाया गया है। यह प्रमाण पत्र भी एक साल तीन माह का है। इस पर भी सभी मुहर व हस्ताक्षर हैं। निगम के एक पूर्व पार्षद ने आयुक्त को यह प्रमाण पत्र दिखाया तो उनके हस्ताक्षर फर्जी मिले हैं।
कई प्रमाण पत्र फर्जी बनाए गए हैं। आयुक्त को हमने अवगत कराया है कि संवेदकों की ओर से जारी किए गए संदिग्ध प्रमाण पत्र चेक किए जाएं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। पोर्टल भी आवेदनों की त्रुटि ठीक करने के लिए नहीं खोला गया – ज्योति कुमार, महामंत्री, सफाई कर्मचारी संगठन
सफाई भर्ती के लिए आए आवेदनों व प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है, जो प्रमाण पत्र सही होंगे, वही मान्य होंगे। बाकी को प्रक्रिया से बाहर किया जाएगा। जांच की प्रक्रिया एक-दो दिन में पूरी हो जाएगी – जितेंद्र नरुका, आयुक्त, नगर निगम
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