सेना जहां नजदीक दिखती है उन बागानों से खरीददारी करना सुरक्षित रहता है। स्थानीय व्यापारी को साथ लेकर खुद के जोखिम पर आगे जाना पड़ता है। कई बार कश्मीरियों का भी विरोध झेलना पड़ता है। इसी तरह एक अन्य चालक दीपक ने बताया कि वे ट्रक के अंदर बैठे रहते हैं। सेब की पेटियां लादते समय भी बाहर नहीं आते। ज्यादातर बार सेब की पेटियां गिनते भी नहीं हैं।
सेब के व्यापारी कपिल ने बताया कि अलवर में शोपियां, कुलगाम, अनंतनाग, सोपोर, बारामूला व पुलवामा के आसपास से सेब आता है। ये सब अधिक खतरे वाली जगह हैं। जहां आतंकियों का हमेशा डर रहता है।
ट्रक चालक छगन कुमार, संजय महावर का कहना कि वे रात को ऐसी जगह रुकते हैं जहां सेना दिखती हो। होटल-ढाबों का कोई सहारा नहीं होता है। चालक व खलासी ट्रकों में ही सोते हैं। अंदर ही खाना पकाते हैं। कोशिश यही रहती है कि अपने-अपने क्षेत्रों के ट्रक एक साथ आगे बढ़े। जिससे थोड़ा भरोसा बना रहता है।
थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार शाम एक कार्यक्रम में कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर आतंकियों के नियंत्रण में चला गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पीओके, गिलगित,बाल्टिस्तान जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है। जिस पर अवैध कब्जा है। आतंकी जम्मू-कश्मीर में शांति नहीं चाहते। कभी ये बाहरी राज्यों के सेब व्यापारियों की हत्या कर रहे हैं तो कभी लोगों को दुकानें खोलने से रोक रहे हैं। बच्चों को स्कूल जाने से भी रोकने की कोशिश की गई। यह सब पाकिस्तान की ओर से गढ़ा गया है।