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अलवर

Rajasthan News: आजादी के 77 साल बाद भी इस गांव में नदी पर पुल नहीं, कलेजे पर पत्थर रख बच्चों को पढ़ने भेज रहे लोग

अभिभावक और शिक्षक हर रोज नदी पार करते बच्चों को लेकर चिंता में रहते हैं। अभिभावक बच्चों को गांव से बाहर पढ़ने भेजना ही नहीं चाहते।

अलवरSep 21, 2024 / 02:38 pm

Anil Prajapat

Students River to reach school
Alwar News: थानागाजी क्षेत्र की समरा ग्राम पंचायत में गुजरों की ढाणी के बच्चों को जान जोखिम में डाल नदी पार कर स्कूल जाना पड़ता है। इस बस्ती में करीब 30 घर हैं। इस बार थानागाजी ब्लॉक में अच्छी बारिश से सभी नदी नाले उफान पर हैं। इसी बीच समरा के गांव गुर्जरों की ढाणी से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दर्जनों स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं।
यह स्थिति हर साल देखने को मिलती है। बरसात शुरू होते ही नदी में पानी बढ़ जाता है। इससे समरा व आसपास के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कई बार ग्राम पंचायत कोरम व अलवर विधायक-सांसद सहित गांव में पहुंचने वाले जनप्रतिनिधियों से नदी पर पुल बनाने की मांग रखते आ रहे है, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता। यहां गांव की नदी पर पुल न होने से बच्चों और ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

मानसून में रहती है पढ़ाई प्रभावित

समरा की गुजरों की ढाणी में 30 परिवार हैं। 77 साल बाद भी सड़क व नदी पर पुलिया नहीं होने से नदी पार कर आवागमन को मजबूर हैं। गांव में चिकित्सा का प्रबंध भी नहीं है। चार माह के लिए स्कूल प्रभावित रहता है। कोई बीमार हो जाए तो उसे चिकित्सालय तक पहुंचाना भी टेडी खीर होती है। ग्रामीण महेंद्र गुर्जर, सुमेर गुर्जर, हंसराज गुर्जर, नंदराम, मुकेश, रतनलाल गुर्जर ने पत्रिका को बताया कि कलेजे पर पत्थर रख कर बच्चों को वे पढ़ने भेजते हैं।

अभिभावक रहते हैं चिंतित

अभिभावक और शिक्षक हर रोज नदी पार करते बच्चों को लेकर चिंता में रहते हैं। अभिभावक बच्चों को गांव से बाहर पढ़ने भेजना ही नहीं चाहते। लोगों ने बताया कि ढाणी में आंगनबाड़ी केंद्र तक नहीं है। ऐसे में गांव के करीब बीस-पच्चीस से अधिक मासूम हर रोज नदी को एक-दूसरे का हाथ पकड़कर पार कर समरा स्कूल पहुंच रहे हैं। बच्चों के सुरक्षित घर पहुंचने तक उनकी नजरें रास्ते से नहीं हटती है। खतरा इतना है कि थोड़ी सी भी चूक हुई तो तेज प्रवाह सब कुछ बहा ले जाए। बस्ते में दूसरी ड्रेस की व्यवस्था करनी पड़ती है। कई बार तो बच्चे बस्ते को विद्यालय में जमा कर खाली हाथ घर लौटते हैं।
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पंचायत के पास बजट नहीं

गुर्जरों की ढाणी समरा में आने जाने का एक ही रास्ता है, जिसमें नदी पड़ती है। इसकी चौड़ाई और गहराई बहुत ज़्यादा। पुलिया बनाने का लगभग 45 लाख का प्रपोजल बना था। इतनी राशि ग्राम पंचायत के पास नहीं है।
-रामवतार मीना, सरपंच समरा।

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मौके का निरीक्षण करेंगे

मौका निरीक्षण कर इस मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा।
-अमिलाल यादव, उपखण्ड अधिकारी थानागाजी।


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