सुजीत कुमार। अलवर से दिल्ली अब नजदीक होने जा रही है। दिल्ली से अलवर के बीच प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर को लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने प्रक्रिया तेज कर दी है। अभी दिल्ली से गुरुग्राम तक मेट्रो ट्रेन चलती है। गुरुग्राम से अलवर तक रैपिड ट्रेन चलाने की योजना है। हालांकि मेट्रो कॉरिडोर बनने में अभी दो से तीन साल का समय लगेगा। लेकिन कॉरिडोर बनने के बाद अलवर से दिल्ली तक 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से रैपिड ट्रेन दौड़ेगी जो डेढ़ घंटे में दिल्ली की दूरी नाप लेगी।
साथ ही दिल्ली से राजस्थान के औद्योगिक संबंध और ज्यादा मजबूत होंगे। गुरुग्राम साइबर सिटी में हीरो होंडा चौक एवं साइबर हब के सामने मेट्रो कॉरिडोर से जुड़ेगा। इससे मानेसर से लेकर अलवर तक की ओर से आने वाले लोग भी साइबर सिटी पहुंच सकेंगे।
राजस्थान- हरियाणा सरकार की मंजूरी
दिल्ली-एसएनबी खंड के लिए डीपीआर को दिसंबर 2018 में एनसीआरटीसी के बोर्ड फरवरी 2019 में हरियाणा सरकार और जून 2019 में राजस्थान सरकार की और से निर्माण के लिए मंजूरी दी जा चुकी है।
औद्योगिक विकास को लगेंगे पंख
दिल्ली से अलवर के बीच लोग रोजाना अपडाउन कर सकेंगे। इसमें उन्हें मात्र सवा से डेढ़ घंटे का समय लगेगा। जबकि अभी अलवर से दिल्ली जाने में साढ़े तीन से चार घंटे लगते हैं।
दिल्ली और आस-पास रहने की बजाय लोग मानेसर से लेकर अलवर तक रहना पसंद करेंगे। इससे दिल्ली एनसीआर में आबादी ट्रैफिक का दबाव, प्रदूषण भी कम होगा।
शाहजहांपुर, नीमराणा, बहरोड़ और सोतानाला औद्योगिक में कई मल्टी नेशनल कम्पनियों की औद्योगिक इकाइयां है। रेल लाइन नहीं होने से यहां का औद्योगिक विकास पिछड़ रहा है।
यह हरियाणा शहरीकृत और औद्योगिक क्षेत्रों से होकर गुजरेगी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के लिए दिल्ली हवाई अड्डे को आरआरटीएस नेटवर्क से जोड़ेगी।
दिल्ली- एसएनबी- अलवर रैपिडएक्स 164 किमी की स्वीकृत सेमी-हाई स्पीड रेल लाइन है, जो दिल्ली-गुरुग्राम- धारूहेड़ा-रेवाड़ी- एसएनबी (शाहजहांपुर- नीमराना- बहरोड़) – अलवर को आपस में जोड़ेगी। एनसीआरटीसी इसे तीन चरणों में विकसित करेगी। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम लाइन (आरआरटीएस) अपने पहले चरण में दिल्ली एसएनबी ( 106 किमी) को जोड़ेगी। इसके बाद दूसरे चरण में एसएनबी से सोतानाला (35 किमी) और अंत में तीसरे चरण में एसएनबी से अलवर (58 किमी) को जोड़ने की योजना है। यह पूरी 199 किमी लंबी गलियारा लाइन होगी। परियोजना की अनुमानित लागत 37,000 करोड़ रुपए है।
डीपीआर का इंतजार
दिल्ली-अलवर मेट्रो कॉरिडोर की डीपीआर (विस्तृत) परियोजना रिपोर्ट) फिलहाल भारत सरकार के पास विचाराधीन है। वहां से डीपीआर मंजूर होने के बाद एनसीआरटीसी इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर देगा। – पुनीत वत्स, सीपीआरओ, एनसीआरटीसी, दिल्ली