दो सरकारों में रहा मंत्रियों का सूखा :
हालांकि दो सरकारों में अलवर को मंत्री पद नहीं मिल पाया, लेकिन इस दौरान भी संसदीय सचिव व प्रदेश स्तरीय बीसूका समिति में अलवर के विधायकों को मंत्री पद के तुल्य पद से नवाजा गया। राज्य में सन 2003 से 2008 तक भाजपा की सरकार रही, लेकिन अलवर से कोई मंत्री नहीं बन सका। बाद में मुंडावर विधायक धर्मपाल चौधरी को राज्य मंत्री का दर्जा देते हुए संसदीय सचिव बनाया गया। सन 2008 से 2013 तक कांग्रेस की सरकार रही थी, लेकिन अलवर को एक भी मंत्री पद नहीं मिला। बाद में डॉ. करणसिंह यादव को प्रदेश स्तरीय बीसूका समिति में उपाध्यक्ष बना दिया गया था।
दो-तीन बार जीतने वालों को मौका :
राज्य में भाजपा की सरकार रही हो या फिर कांग्रेस। दोनों ही पार्टियों ने दो-तीन बार चुनाव जीतने वाले अनुभवी नेता को ही मंत्री पद की कमान सौंपी। भाजपा ने हेमसिंह भड़ाना को थानागाजी से दूसरी बार चुनाव जीतने पर मंत्री बनाया था। डॉ. जसवंत यादव को भी दो-तीन बाद चुनाव जीतने के बाद मंत्री पद मिला।
पिछले एक दशक से राज्य सरकार में अलवर का कद फिर से बढ़ा है। सन 2013 से 2018 राज्य में भाजपा सरकार रही। इस सरकार में अलवर जिले से थानागाजी विधायक हेमसिंह भड़ाना और बहरोड़ विधायक डॉ. जसवंत यादव कैबिनेट मंत्री बने। वहीं, संदीप यादव को उप मंत्री का दर्जा देते हुए युवा बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया। वहीं, वर्ष 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी। इस सरकार में भी अलवर को पूरी तवज्जो मिली। यहां से टीकाराम जूली और शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया।
अलवर के छह मंत्री भैरोसिंह शेखावत की सरकार में अलवर जिले से जगमाल यादव, जगत सिंह दायमा, डॉ. रोहिताश शर्मा, सुजानसिंह, मंगलराम कोली और नसरू खां मंत्री रहे थे। हालांकि बाद में जगमाल यादव और जगत सिंह दायमा को बीच में ही मंत्री पद से हटा दिया गया।
अलवर की राजनीति में दबदबे के कारण अलवर की राजनीति में दबदबे के कई कारण हैं। इनमें से एक कारण यह है कि अलवर एक बड़ा और महत्वपूर्ण जिला है। अलवर जिले की जनसंख्या लगभग 20 लाख है और यह राजस्थान के सबसे विकसित जिलों में से एक है। अलवर जिले में कई उद्योग और व्यवसाय हैं, जो रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।
अलवर की राजनीति में दबदबे का दूसरा कारण यह है कि अलवर में कई प्रभावशाली राजनीतिक परिवार हैं। इन परिवारों के सदस्यों ने लंबे समय से राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई है। अलवर की राजनीति के भविष्य
अलवर की राजनीति में भविष्य में भी दबदबा बना रहने की संभावना है। अलवर एक बड़ा और महत्वपूर्ण जिला है, जिसमें कई प्रभावशाली राजनीतिक परिवार हैं।