केन्द्र को भिजवाए जाएंगे प्रस्ताव जिला प्रशासन की ओर से हर ब्लॉक में केन्द्रीय विद्यालय खोलने के प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजे जाएंगे। बाद में राज्य सरकार के माध्यम से ये प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भिजवाकर मंजूरी के प्रयास किए जाएंगे। प्रशासन की योजना सभी 16 ब्लॉकों में जल्द केन्द्रीय विद्यालयों के लिए जमीन आरक्षित करने की है।
अन्य संस्थानों के लिए भी आरक्षित होगी जमीन केन्द्रीय विद्यालयों के अलावा जिले में मंजूर हो चुके या भविष्य में स्वीकृत होने वाले संस्थानों को भूमि की परेशानी नहीं हो, इसके लिए सरकारी भूमि आरक्षित की जाएगी। इसी उद्देश्य से जिला प्रशासन ने व्यर्थ सरकारी जमीन का चिह्निकरण कर भूमि बैंक बनाने का कार्य शुरू किया है।
संस्थानों के लिए भूमि की होती है परेशानी सरकार की ओर से स्वीकृत कई संस्थान भूमि नहीं मिल पाने के कारण अटक जाते हैं। प्रशासन को ऐसे संस्थानों के लिए जमीन तलाशने में लंबा समय लग जाता है। इसी समस्या से बचने के लिए प्रशासन ने भूमि बैंक बनाने का निर्णय किया है। सरकार की ओर से हर साल स्कूल, कॉलेज, स्वास्थ्य केन्द्र, पंचायत, पंचायत समिति या अन्य संस्थान स्वीकृत किए जाते हैं, लेकिन भूमि के अभाव में इन संस्थानों के भवन तैयार होने में कई साल लग जाते हैं।
जमीन चिह्निकरण का कार्य जारी जिले के हर ब्लॉक में केन्द्रीय विद्यालयों के लिए जमीन आरक्षित करने की कार्रवाई जारी है। कई ब्लॉकों में सरकारी जमीन देखी है और चिह्निकरण के निर्देश दिए गए हैं।
नन्नूमल पहाडिय़ा, जिला कलक्टर अलवर जमीन आरक्षित करने के दिए निर्देश भविष्य में केन्द्रीय विद्यालयों की आवश्यकता को देखते हुए प्रशासन को अभी से जमीन आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही जिला प्रशासन से हर ब्लॉक में केन्द्रीय विद्यालय खोलने के प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भिजवाने को कहा है। राज्य सरकार के माध्यम से ये प्रस्ताव केन्द्र को भिजवाकर अनुमति के प्रयास किए जाएंगे।
टीकाराम जूली, श्रम राज्य मंत्री, राजस्थान सरकार