पुलिस अधिकारी की गाड़ी का एक्सीडेंट होने के बाद वो अधिकारी विनोद स्वामी की काले रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी इस्तेमाल करने लगा। इसी दौरान बहरोड़ थानाधिकारी विनोद स्वामी के संपर्क में आ गया। अब बहरोड़ थाना जांच में शामिल नहीं
पपला गुर्जर व उसके साथियों की तलाश में स्पेशल टीमें काम कर रही हैं। बहरोड़ थाने को इससे दूर रखा गया है। बहरोड़ थाना पुलिस पर बदमाशों से मिलीभगत होने की संभावना पर जयपुर स्थित पुलिस मुख्यालय से यह निर्देश दिए गए हैं। मुख्यालय के एक अधिकारी ने नाम नहीं उजागर करने पर बताया कि थाना में उपस्थित पुलिसकर्मी पपला से बरामद हुए करीब 31 लाख रुपए डकारना चाहते थे। इसके चलते पूरी थाना पुलिस को पपला गैंग की तलाश में शामिल नहीं किया गया है।
प्लान बदला और थाने में से छुड़ा लिया पुलिस पूछताछ में सरपंच विनोद स्वामी ने कुबूला है कि पहले पपला को कोर्ट में पेश करते हुए भगाने की बात तय हुई थी, लेकिन गैंग के एक सदस्य ने इससे इनकार कर दिया, उसने कहा कि पपला के बारे में हरियाणा पुलिस को पता चल गया तो वे बहरोड़ थाना पुलिस को आगाह कर देंगे। इसके बाद गैंग ने पपला को हवालात से छुड़ाने का प्लान बनाया और आधे घंटे पहले ही बहरोड़ थाने पर एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग कर पपला को छुड़ा लिया। इससे पहले थाने की रैकी भी की गई थी।