-संस्था प्रधान की ओर से प्रार्थना सभा में विद्यार्थियों को सचेत किया जाए
-छात्र-छात्राओं के व्यवहार में अचानक होने वाले बदलाव पर अध्यापक निगाहें रखें और माता-पिता को तुरंत जानकारी दें
-ऑनलाइन गेम खेलने वाले विद्यार्थियों पर विशेष नजर रखने के साथ ही सामूहिक एवं व्यक्तिगत काउंसलिंग भी की जाए
-साइबर कानून के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी
-स्कूलों में खेलकूद का नियमित रूप से आयोजन हो ताकि विद्यार्थी ऑनलाइन गेमों से दूरी बनाएं
अलवर का अद्भुत नजारा…आसमान में नजर आए रेत के धोरे
अभिभावकों का दायित्व -अभिभावकों की ओर दिए जाने वाले गैजेट्स का बालक कहीं उल्लंघन तो नहीं कर रहा। इनके फोन, गैजेट्स में चाइल्ड लॉक लगाया जाए अन्यथा ऐसे एप को उपयोग किया जाए, जिससे प्रतिबंधित कार्यक्रम, साइट्स का उपयोग नहीं किया जाए-विद्यार्थियों की मोबाइल की समय पर जांच करें
-विद्यार्थी के चिडचिड़ा, बात-बात पर उत्तेजित और मानसिक व्यवहार का परीक्षण करना चाहिए
-स्कूल में आना-जाना, लौटना, मित्रों से अनायास बातें कम करना, अध्ययन में रूचि नहीं लेना, नियमित दिनचर्या में बदलाव आदि लक्षण को परखें
-अगर ऐसे लक्षण दिखाई दें तो अभिभावक सचेत हो जाएं, स्कूल में सम्पर्क करें।