हवा में नहीं हो पाएगी इंटर्नशिप बीएड इंटर्नशिप में विद्यार्थी को पसंद के अनुसार स्कूल आवंटित हो जाते थे। बताते हैं कि अधिकांश जगहों पर अभ्यर्थी नहीं पहुंचते थे। कागजों में इंटर्नशिप हो जाती थी, लेकिन अब स्कूल जाना होगा। इससे विद्यार्थियों का ही लाभ है। वहां जाएंगे तो नई चीजें सीखेंगे जो भविष्य में काम आएंगी।
यह स्थिति है बीएड इंटर्नशिप कीजिले में बीएड और एमएड के गैर सरकारी कॉलेजों की संख्या 90 है। ये विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान इंटर्नशिप करवाते हैं। इंटर्नशिप जिला शिक्षा विभाग तय करता है कि किस अभ्यर्थी को किस सरकारी स्कूल में जाना है। जिले में बीएड करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 10 से 15 हजार है। ये इंटर्नशिप करते हैं।
सरकारी स्कूलों में अभ्यर्थी को ऑनलाइन शाला दर्पण पर दर्ज हाजिरी के अनुसार ही इंटर्नशिप का सर्टिफिकेट दिया जाएगा है। रामेश्वर दयाल मीणा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी