अलवर

सबसे बड़ी मंडी, लेकिन अनाज रखने के लिए भी नहीं है गोदाम, परेशान होते हैं व्यापारी

खैरथल कृषि उपज मंडी देशभर में प्रसिद्ध है, लेकिन यहां पर अनाज रखने के लिए गोदाम तक नहीं है। बारिश के मौसम में व्यापारियों को परेशानी झेलनी पड़ती है।

अलवरApr 13, 2018 / 04:12 pm

Prem Pathak

अलवर. अलवर के बाद सबसे बड़ी कृषि उपज मण्डी खैरथल है। खैरथल में एक सरकारी वेयर हाउस है। उसका लाभ मण्डी के व्यापारियों को नहीं मिल रहा है। दरअसल, सरकारी वेयर हाउस में सरकारी खरीद की फसल रखी जाती है। ऐसे में मण्डी के व्यापारियों को फसल रखने में खासी परेशानी आती है। कई बार व्यापारी नया सरकारी वेयर हाउस बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन इस पर मण्डी प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।
खैरथल मण्डी में प्रतिदिन हजारों कट्टे फसल पहुंचती है। मण्डी में 250 व्यापारियों ने लाइसेंस ले रखा है। बारिश में फसल भीग जाती है, तो कई बार खुले में रखने से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खैरथल मण्डी में प्रतिदिन 25 से 30 हजार कट्टे सरसों, 2000 कट्टे जौ, 500 से 600 कट्टे चना व एक हजार कट्टे गेहूं पहुंचता है। स्टोक रखने में खैरथल मण्डी अन्य मण्डियों से आगे है। ऐसे में व्यापारियों को फसल रखने में दिक्कत होती है।
इनका कहना है

मण्डी में वेयर हाउस बनाने की योजना पर काम चल रहा है। जल्द ही इस दिशा में काम शुरू होगा। इससे व्यापारियों को खासी राहत मिलेगी।
राम विलास यादव, सचिव, खैरथल मण्डी
व्यापारियों से बातचीत

सरकारी वेयर हाउस में केवल सरकारी खरीद की फसल रखी जाती है। मण्डी में फसल का बड़ा स्टोक रहता है। इसलिए यहां वेयर हाउस की सख्त आवश्यकता है।
शिरीष जसोरिया, व्यापारी
खैरथल मण्डी में अलवर मण्डी के बराबर कारोबार होता है। यहां वेयर हाउस नहीं है। व्यापारियों को फसल रखने में खासी परेशानी होती है। व्यापारियों को निजी वेयर हाउस में फसल रखनी पड़ती है।
संदीप अग्रवाल, व्यापारी

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