अंटी में दबाए रखा पैसा
गांव व कस्बों का विकास कराना तो दूर कई विधायकों ने विधायक निधि को खर्च करने में भी कंजूसी बरती। कई विधायकों ने तो राशि को खर्च करने की जगह बचा लिया। इस मामले में भाजपा विधायकों में रामहेत यादव व मंगलराम कोली सबसे आगे रहे। पिछला वित्तीय वर्ष बीत जाने के बावजूद किशनगढ़बास विधायक की निधि में करीब डेढ़ करोड़ तथा कठूमर विधायक की निधि में 1 करोड़ 35 लाख रुपए बच गए। चुनावी वर्ष आते ही सभी विधायकों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अपनी निधि के द्वार खोल दिए। किशनगढ़बास, मुण्डावर, बानसूर व राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधायकों ने विधायकों को हर साल मिलने वाली राशि से अधिक की अभिशंसाएं निकाल डाली।
ये गांव किए चयनित आदर्श गांव के लिए किशनगढ़बास विधायक ने बिलाहेड़ी, रामगढ़ विधायक ने बड़ौदामेव, बानसूर विधायक ने चूला, अलवर ग्रामीण विधायक ने नैथला, शहर विधायक ने दिवाकरी, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधायक ने परवैणी, बहरोड़ विधायक ने कायसा, मुण्डावर विधायक ने ततारपुर, थानागाजी विधायक ने भूरियाबास तथा कठूमर विधायक ने टीकरी का चयन किया।
मामन यादव 850 लाख 793 लाख 67लाख
रामहेत यादव 850 लाख 764 लाख 86 लाख
धर्मपाल चौधरी 850 लाख 742 लाख 1 करोड़ 8 लाख
डॉ. जसवंत यादव 850 लाख 770 लाख 80 लाख
शकुन्तला रावत 850 लाख 802 लाख 48 लाख
हेमसिंह भड़ाना 850 लाख 820 लाख 30 लाख
जयराम जाटव 850 लाख 788 लाख 62 लाख
बनवारीलाल 850 लाख 698 लाख 1 करोड़ 52 लाख
ज्ञानदेव आहूजा 850 लाख 786लाख 64 लाख
गोलमा देवी 850 लाख 837 लाख 13 लाख
मंगलराम 850 लाख 600 लाख 2 करोड़ 50 लाख
(जिला परिषद से मिली जानकारी के अनुसार)