जिले में करीब 3221 टीबी के मरीज पंजीकृत हैं। इलाज शुरू करने से लेकर आईडी के जरिए मरीज के स्वास्थ्य पर नजर रखी जाती है। टीबी मरीज का तो इस बात तक का
ध्यान रखा जाता है कि वह समय पर दवाई ले रहा है या नहीं। जिलेभर में हर माह टीबी के 300 नए मरीज मिल रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रायल ने एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें तहत निजी अस्पतालों, मेडिकल स्टोर संचालकों, निजी डॉक्टरों व लैब संचालकों को टीबी मरीज की जानकारी देना जरूरी होगा। ऐसे नहीं करने या जानकारी छिपाने पर जेल भी जाना पड़ सकता है। देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने फैसला लिया है। सरकार ने इस अभियान में उन लोगों और इंस्टीटयूट को जोड़ा है, जो इस इलाज से जुड़े है। क्लिनिक, मेडिकल स्टोर व लैब संचालकों के लिए टीबी मरीज की जानकारी सरकार तक पहुंचाना अनिवार्य किया गया है।
मरीजों को मिलेंगे 500 रुपए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 2025 तक टीबी मुक्त देश का सपना देख रहा है। इसके तहत टीबी मरीज को अस्पताल पहुंचाने का किराया तो सरकारी देगी ही, साथ ही इलाज होने तक मासिक भत्ते के रुप में 500 रुपए भी मरीज को मिलेंगे।
केंद्र की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन टीबी मरीजों को राहत पहुंचाने वाला है। 2025 तक टीबी मुक्त देश बनाने की अच्छी पहल है। नोटिफिकेशन आने के पहले ही सरकार ने यह आदेश जारी कर दिए थे।
डॉ. राजेन्द्र चिटकारा, जिला क्षय अधिकारी