अलवर जिले के भी 12 पीटीआई इसमें शामिल है। बीकानेर में गुरुवार को हुई बैठक में इसके निर्देश दिए गए। इस बैठक में उन सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को बुलाया गया था, जहां फर्जी दस्तावेजों से नौकरी लगने के मामले सामने आए थे।
गड़बड़ी सामने आने के बाद अपात्र माना गया
इन अभ्यर्थियों की जांच शिक्षा विभाग और राजस्थान कर्मचारी आयोग की ओर से की जा रही थी। जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद इन्हें अपात्र माना गया है। आयोग ने यह भर्ती-2022 में की थी। डीईओ करेंगे कमेटी का गठन
भर्ती में फर्जी तरीके से लगे पीटीआई को हटाने से पहले डीईओ की ओर से अपने स्तर पर एक कमेटी का गठन किया जा सकता है। यह कमेटी दस्तावेज व अन्य खामियों की जांच करेगी।
जिनके दस्तावेजों में कुछ कमियां है और कोई गलती है तो उसको सुधारने के लिए एक मौका मिल सकता है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।