मुम्बई के वरिष्ठजन चंद्रकांत पठारे अपनी पत्नी के साथ पहली बार सरिस्का टाइगर रिजर्व की सैर करने आए हैं। उन्हें मंगलवार शाम की सफारी में बाघिन एसटी-7 करनाकाबास के पास जंगल में दिखाई दी। सरिस्का के पाउडर मोड़ के पास बाघिन एसटी-9 दिखाई दी। वहीं, बुधवार को सुबह पाण्डुपोल जाते समय बाघिन एसटी-8 की रोड क्रॉस करते साइटिंग हुई। मुम्बई निवासी चंद्रकांत पठारे ने बताया कि मंगलवार शाम को नेचर गाइड लोकेश खंडेलवाल एवं जिप्सी चालक मुरारी के साथ सरिस्का जंगल में सफारी कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें करनाबास के पास बाघिन एसटी-7 दिखाई दी। उन्होंने काफी देर तक बाघिन को देखा। वहीं शाम की सफारी में पाउडर मोड़ के पास बाघिन एसटी-9 दिखाई दी। उन्होंने बताया कि बुधवार को सुबह नेचर गाइड नत्थूराम के साथ पाण्डुपोेल की सफारी की। इस दौरान बाघिन एसटी-8 रोड क्रॉस कर जाती दिखाई दी।
बाघिन एसटी-8 की साइटिंग बहुत ही कम
नेचर गाइड निरंजन सिंह राजपूत से पाण्डुपोल में हुई चर्चा में उन्होंने बताया कि बाघिन एसटी-7 व 8 बाघिन एसटी-2 की संतान हैं। इनमें बाघिन एसटी-9 की पर्यटकों को खूब साइटिंग होती रही है। वहीं बाघिन एसटी-7 भी कई बार पर्यटकों को दिखाई दे चुकी है, लेकिन बाघिन एसटी- 8 पर्यटकों को कभी-कभार ही दिखाई देती है। सबसे बड़ी बात यह कि एक ही पर्यटक को तीन-तीन बाघिनें दिखना किसी संयोग से कम नहीं है। पर्यटक पठारे ने बताया कि सरिस्का का जंगल खूबसूरत है। यहां पर्यटकों को बाध की अच्छी साइटिंग होती है। पर्यटकों को बाघ की अच्छी साइटिंग से सरिस्का टाइगर रिजर्व की ख्याति देश में और बढेगी।