थाना अधिकारी गोविंदगढ़ नेकीराम ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि वह जालूकी थाने के पास गैस वेल्डिंग का काम करता है। घर की आर्थिक हालत खराब थी, गांव के सभी लड़के शोक-मौज करते और गाड़ी और होटलों की रील बना कर सोशल मीडिया पर डालते। वेल्डिंग के काम से सिर्फ परिवार का खर्चा चल रहा था। फिर हाथरस उत्तर प्रदेश से मामा को बुलाया और वह साइबर ठगी का काम सीख रहा था। अब तक वह कई लोगों को अपने जाल में फंसा चुका है। उसने सोचा पुलिस उन्हें पकड़ने आई, इसलिए वह पुलिस को देखकर भागे थे। बरहाल पुलिस ने नाबालिग और मामा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
ग्रुप बनाकर करते हैं ठगी पुलिस के अनुसार पूछताछ में सामने आया कि अमित लैपटॉप सेलिंग के नाम से एक ग्रुप बनाया हुआ है। ग्रुप में गूगल के माध्यम से ई-मित्र और टेक्निकल लाइन से जुड़े युवक-युवतियों के नंबर ग्रुप में एड करते हैं और प्रतिदिन उसमें लैपटॉप का फोटो डालते हैं। इन फोटो को वह गूगल के माध्यम से डाउनलोड करते हैं। जिसमें वह गूगल पर राशि देखने के बाद आधे से कम दाम की राशि डालते है। प्रतिदिन कोई न कोई कस्टमर उनके जाल में फंस जाता है। फिर वीडियो कॉल कर के गूगल से फोटो डाउनलोड कर लैपटॉप को दिखाते हैं और साइबर ठगी करते हैं।
स्कूली छात्रा व छात्र को किया था निरुद्ध हाल ही में पुलिस ने शाकीपुर गांव से 10वीं और 12वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्र व छात्रा को साइबर ठगी करते निरुद्ध किया था, जिसमें से नाबालिग छात्रा को बाल सुधार गृह और छात्र को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था। दोनों ने भी लग्जरी लाइफ जीने के लिए ट्रक चालक के साथ ठगी करना स्वीकार किया था।
अनुसंधान जारी है लगातार साइबर ठगी के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। जहानपुर के जंगलों से नाबालिग साइबर ठग को निरुद्ध किया है। जिसने अपने मामा के साथ मिलकर साइबर ठगी करना बताया था। नाबालिग का मामा फरार हो गया। मामले में प्रकरण दर्ज किया है। अनुसंधान जारी है।
नेकीराम थाना अधिकारी गोविंदगढ़।