इस तरह मैदान में उतारे गए थे सांसद
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सबसे पहले प्रत्याशी मैदान में उतारकर चौंकाया। चुनाव से करीब डेढ़ माह पहले पहली सूची जारी हुई जो आचार संहिता वाले दिन शाम को आई थी। इस सूची में सांसदों को विधायकी के चुनाव में उतारा गया। अलवर से सांसद रहे महंत बालक नाथ को तिजारा विधानसभा से टिकट दिया। वहीं बानसूर से देवी सिंह शेखावत को उतारा। अलवर ग्रामीण से जयराम जाटव को मैदान में उतारा। तीन सीटों की घोषणा के बाद प्रत्याशियों को जमीन पर काम करने का मौका मिला, जिसमें 2 सीटों पर पार्टी ने जीत हासिल की। ये असर दूसरे जिलों में भी देखने को मिला। यानी जिन चेहरों को पहले उतारा गया तो उसमें जीते भी सर्वाधिक।
मंत्रियों ने संभाले अपने विभाग, जोगाराम बोले-अंग्रेजों के जमाने के कानून बदले जाएंगे
ये है रणनीति
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए वोटों का गणित विधानसभावार देख रही है। पुराने आंकड़ों का भी अध्ययन किया जा रहा है। ऐसे में 20 जनवरी के बाद प्रत्याशी अलवर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में मैदान में उतारे जा सकते हैं। अलवर में बाहरी प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने की संभावनाएं ज्यादा नजर आ रही हैं। ऐसे में बाहरी व्यक्ति को मैदान तैयार करने में समय लगेगा। ये तभी हो पाएगा जब नाम की घोषणा पहले हो जाएगी। आचार संहिता से करीब दो माह पहले बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाता है तो उन्हें गांव-गांव तक पहुंचने में आसानी होगी। अलवर का परिसीमन काफी लंबा है। वोटर भी 27 लाख से अधिक हैं।